Delhi Liquor Policy Case CBI Told In Court that Arvind Kejriwal Promised To Give 90 Lakhs Rupees To Each Goa Election Candidate

Delhi Excise Policy Case: दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने आज मंगलवार (27 अगस्त) को अदालत में कहा कि शराब घोटाले से कमाए पैसे को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवारी की इच्छा के मुताबिक खर्च किया गया. केंद्रीय एजेंसी ने ये भी बताया कि गोवा चुनाव के दौरान हर एक उम्मीदवार को लाखों रुपये देने का वादा भी किया गया.

स्पेशल जज कावेरी बावेजा के सामने अपनी दलील में केंद्रीय एजेंसी ने कहा, “पैसे केजरीवाल की इच्छा के अनुसार खर्च किए गए हैं. पूरा पैसा आम आदमी पार्टी (आप) के फंड में भेजा गया.” न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सीबीआई के हवाले से बताया, “उन्होंने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक उम्मीदवार को 90 लाख रुपये देने का वादा किया था और गोवा में 40 निर्वाचन क्षेत्र हैं.”

विजय नायर को सौदा करने के लिए किया था नियुक्त

सीबीआई ने अपनी दलील में आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को जेल में बंद मुख्यमंत्री ने ‘साउथ ग्रुप’ के साथ सौदा करने के लिए नियुक्त किया था. एजेंसी ने इस ग्रुप को “व्यापारियों और नेताओं का एक गिरोह” करार दिया है, जिसने कथित तौर पर शराब लाइसेंस के बदले में आप को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी, जिसमें भारत राष्ट्र समिति के नेता के. कविता, अरुण पिल्लई, राघव मगुंटा, अरुण पिल्लई, बुच्चीबाबू गोरंटला, पी सरथ रेड्डी, अभिषेक बोइनपल्ली और बिनॉय बाबू शामिल थे.

गोवा चुनाव में कैश में खर्च किया पैसा

एजेंसी के मुताबिक, आप ने राजिंदर नगर से विधायक दुर्गेश पाठक को गोवा चुनाव के लिए पार्टी प्रभारी नियुक्त किया था. एजेंसी ने दावा किया कि रिश्वत के माध्यम से प्राप्त सारा पैसा उनके निर्देश पर खर्च किया गया. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि चुनाव खर्च से जुड़े सभी लेन-देन नकद में किए गए थे.

तिहाड़ जेल में बंद हैं अरविंद केजरीवाल

दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 सितंबर तक बढ़ा दी है. आप संयोजक 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय के गिरफ्तार किए जाने के बाद से तिहाड़ जेल में हैं. उन्हें 20 जून को ट्रायल कोर्ट से जमानत मिल गई थी. हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने एक दिन बाद जमानत आदेश को खारिज कर दिया था.

केजरीवाल ने 22 जून को हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन 26 जून को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ईडी के दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत दे दी थी.

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