Hariyali Teej Puja Vidhi | Hariyali Teej Puja Vidhi: हरियाली तीज कल, इस दिन की जानें पूजा विधि

Hariyali Teej Puja Vidhi: हरियाली तीज सावन मास (Sawan) में पड़ने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है. पूरे भारत (India) में हरियाली तीज का पर्व बड़े ही धूमधान से मनाया जाता है. हरियाली तीज पर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा का विधान है. भारत (India) में इस पर्व को सुहाग से जोड़कर देखा जाता है.

हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) की मान्यता धर्म में बहुत गहरी है, ये पर्व महिलाओं को समर्पित है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां सोलह श्रंगार कर पूजा अर्चना करती है, और अपने सुहाग की लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं. इसे कजली तीज (Kajli Teej) के नाम से भी जाना जाता है.

Hariyali Teej Puja Vidhi: हरियाली तीज कल, इस दिन की जानें पूजा विधि

हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar 2024) के अनुसार हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) का पावन पर्व हर साल सावन (Sawan 2024) यानि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली तृतीया तिथि (Teej) को मनाते हैं. यही कारण है कि इसे हरियाली तीज (Hariyali Teej) कहते हैं.

हरियाली तीज की पूजा की सही विधि क्या है? इसे जानना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि मान्यता है कि सही ढंग से यदि पूजा (Puja) न की जाए तो इस व्रत का पूर्ण लाभ नहीं मिलता है-

Hariyali Teej Puja Vidhi: हरियाली तीज कल, इस दिन की जानें पूजा विधि

हरियाली तीज पूजा विधि (Hariyali Teej Puja Vidhi)

हरियाली तीज (Hariyali Teej) पर महिलाएं भगवान शिव (Lord Shiv) और माता पार्वती के लिए व्रत एवं उनका पूजा-अर्चना करने का विधान है.

हरियाली तीज की पूजा के लिए सबसे पहले साफ सफाई कर घर को तोरण और मंडप से सजाएं व फूलों से सजावट करें.

इसके बाद एक चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, श्री गणेश, माता पार्वती और उनकी सखियों की प्रतिमा का निर्माण करें और अवाहान करें. 

प्रतिमा स्थापित करने के उपरांत सुहाग व श्रंगार की सभी सामग्री को एक थाली में रखें और माता पार्वती को अर्पित करें. आरती गाएं और धूप व दीपक दिखाएं. जल छिड़कें.

Hariyali Teej Puja Vidhi: हरियाली तीज कल, इस दिन की जानें पूजा विधि
इसके बाद माात पार्वती के बाद भगवान शंकर को वस्त्र अर्पण करें. मिष्ठान व फल अर्पित करें. इसके बाद देवताओं का ध्यान करते हुए षोडशोपचार पूजन प्रांरभ करें, पितरों का आशीर्वाद लें और गलतियों के लिए क्षमा मांगे. इसके बाद हरियाली तीज कथा सुनें या सुनाएं. यदि इस तरह से पूजा करते हैं तो आपको व्रत का लाभ मिलता है.

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