<p style="text-align: justify;">समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन सदन में दिए अपने बयान की वजह चर्चा में छाई हुई हैं. सोशल मीडिया पर उनके गुस्से को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है कि उन्हें बहुत गुस्सा आता है. वहीं पैपराजी रोकते और फोटो खींचने से मना और उन पर गुस्साते हुए उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. लेकिन एबीपी हिंदी लाइव किसी को लेकर जजमेंटल नहीं हो रहा है. यह जया बच्चन की पर्सनल च्वाइस है कि उन्हें फोटो क्लिक करवानी है या नहीं. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>श्वेता बच्चन ने अपनी मां के गुस्से को लेकर यह कहा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">वहीं दूसरी तरफ जया बच्चन की बेटी श्वेता बच्चा का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह करण जौहर के शो कॉफी विद करण में श्वेता बच्चन अपने भाई के साथ पहुंची थीं. इस दौरान करण जया बच्चन के पुराने वीडियो के बारे में पूछा जिसमें वह पैपराज़ी को फटकार लगा रही हैं. इस पर अभिषेक कहते हैं मैं जब भी अपनी फैमिली के साथ बाहर निकलता हूं तो भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कोई पैपराजी आसपास न हो. वहीं श्वेता अपनी मां जया का बचाव करते हुए कहती हैं कि जया बच्चन को फोटो क्लिक करवाना बिल्कुल भी पसंद नहीं है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्लौस्ट्रफ़ोबिक से पीड़ित हैं जया बच्चन?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">श्वेता ने आगे कहती हैं कि जया क्लौस्ट्रफ़ोबिक से पीड़ित हैं. जब उनके आस-पास बहुत सारे लोग होते हैं तो उन्हें बहुत घुटन महसूस होती है. उन्हें यह भी पसंद नहीं है कि लोग उनसे पूछे बिना उनकी तस्वीरें लें. आगे कहती है कि मां को सेल्फी लेना भी पसंद नहीं है. हंसते हुए श्वेता कहती हैं कि मां का मानना है कि सेल्फी उनकी अच्छी नहीं आती है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्लॉस्ट्रोफोबिक की बीमारी क्या है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दरअसल, क्लॉस्ट्रोफोबिक की बीमारी में घुटन औऱ असहजता महसूस होती है. इसके मरीज अक्सर भीड़भाड़ वाली जगह से भागना ही ज्यादा पसंद करते हैं. सीबीटी, एक्सपोज़र थेरेपी, दवाओं और स्व-सहायता तकनीकों की मदद से इस बीमारी को कंट्रोल में किया जा सकता है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्लॉस्ट्रोफोबिक के लक्षण</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पसीना आना.</p>
<p style="text-align: justify;">कांपना.</p>
<p style="text-align: justify;">गर्मी लगना या ठंड लगना।</p>
<p style="text-align: justify;">सांस फूलना या सांस लेने में कठिनाई.</p>
<p style="text-align: justify;">घुटन महसूस होना.</p>
<p style="text-align: justify;">तेज़ दिल की धड़कन (टैचीकार्डिया)</p>
<p style="text-align: justify;">सीने में दर्द या सीने में जकड़न महसूस होना.</p>
<p style="text-align: justify;">पेट में अजीब सा एहसास होना </p>
<p style="text-align: justify;">दरअसल, यह बेहद आम सी बीमारी है. उदाहरण के तौर पर समझिए अगर कोई इंसान भरा हुआ थिएटर या लिफ्ट में नहीं जा रहा है तो हो सकता है वह क्लॉस्ट्रोफोबिक हो सकता है. अगर कोई व्यक्ति भीड़भाड़ देखकर परेशान हो जाता है तो उसे क्लॉस्ट्रोफोबिक हो सकता है. </p>
<p><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
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