
यह तो हम सभी जानते हैं कि बच्चों (Newborn Baby) के लिए मां के दूध से ज्यादा पौष्टिक और जरूरी कुछ नहीं होता है, इसलिए 6 महीने तक बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) कराने की सलाह दी जाती है. लेकिन अक्सर न्यू मॉम से कुछ बेसिक गलती हो जाती है, जिसके कारण ब्रेस्टफीड कराने के बाद भी बच्चे की ग्रोथ सही से नहीं हो पाती है.

आज हम आपको बताते हैं कि बच्चों को कितनी बार और कैसे ब्रेस्टफीड (How to do Breastfeeding) करना चाहिए, ताकि उसे मां के दूध के सभी पोषक तत्व मिल सकें.

जिस दिन आपके बच्चे का जन्म हो, तब से लेकर 1 हफ्ते तक उसे हर एक से तीन घंटे में भूख लग सकती है. ऐसे में आपको हर एक, दो या तीन घंटे के गैप के बीच बच्चों को स्तनपान जरूर करना चाहिए.

जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उनके पेट का आकार भी बढ़ता जाता है और बच्चे ज्यादा मिल्क की डिमांड करते हैं. ऐसे में आप बच्चे को 2 से 4 घंटे में दूध पिला सकते हैं. बस ध्यान रखें कि एक समय में एक साइड के ब्रेस्ट का ही मिल्क बच्चों को पिलाना चाहिए. जब आपका बच्चा एक महीने का हो जाए तो आप 24 घंटे में 8 से 12 बार तक ब्रेस्टफीडिंग करा सकते हैं.

6 से 12 महीने के बच्चे थोड़े बड़े हो जाते हैं और वह मां के दूध के साथ-साथ सेमी सॉलिड चीजों का सेवन भी करते हैं. ऐसे में आप बच्चे को दिन में चार से पांच बार ब्रेस्टफीडिंग करा सकते हैं. खासकर उठने के बाद और सोने से पहले बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग जरूर कराना चाहिए.

अमूमन 1 साल से 2 साल के बच्चे अपनी डाइट में सॉलिड चीज भी लेने लगते हैं और ब्रेस्टफीडिंग कम कर देते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा ब्रेस्टफीडिंग इस समय छोड़ दें, तो आप दिन में एक से दो बार ही उसे ब्रेस्टफीड करवाएं, जब वो ब्रेस्टफीडिंग की डिमांड करें और रोए, तभी आप उसे ब्रेस्टफीड करवाएं. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 2 साल तक आप अपने बच्चों को ब्रेस्ट मिल्क दे सकते हैं, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे ब्रेस्टफीडिंग की आदत को छुड़ाने की कोशिश करें.
Published at : 01 Aug 2024 07:03 PM (IST)
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