
हिंदू धर्म में नाग को देवता स्वरूप पूजा जाता है. शिवजी के गले में भी नाग लिपटा रहता है. इसलिए मान्यता है कि नाग देवता के पूजन से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती, भगवान शिव की कृपा मिलती है और कालसर्प दोष दूर होता है. शिवजी के प्रिय सावन महीने में ही नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है, जोकि इस वर्ष 9 अगस्त 2024 को है.

नाग पंचमी नाग देवताओं को समर्पित पर्व है. इस दिन अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कंबल, शंखपाल, कालिया, तक्षक नाग देवताओं का ध्यान करते हुए नाग प्रतिमा की पूजा का विधान है. आइये जानते हैं घर कैसे करें नाग देवता की पूजा.

नाग देवता की पूजा के लिए यदि आप किसी कारण मंदिर नहीं जा सकते तो घर पर भी पूजा कर सकते हैं. इसके लिए आप सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें. फिर घर के मुख्य द्वार पर आटे या गाय के गोबर से नाग देवता की आकृति बनाएं. आप मुख्य द्वार पर नाग देवता की तस्वीर भी लगा सकते हैं.

नाग पंचमी पर अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल नाग देवता के पूजन का विधान है. पूजा के लिए आपको फूल, चंदन, रोली, दूध, शक्कर, भोग के लिए खीर, अक्षत, घी, लोटे में जल, धूप-अगरबत्ती आदि की आवश्यकता होगी.

पूजा के लिए नाग देवता की मूर्ति या चित्र पर गंगाजल छिड़कर स्नान कराएं. फिर हल्दी, रोली, अक्षत, फूल, चंदन आदि अर्पित करते हुए पंचोपचार पूजन करें. कच्चा दूध, घी, चीनी आदि मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें और फिर धूप-दीप जलाएं. खीर का भोग लगाएं. नाग देवता के मंत्रों का जाप करें या नाग स्त्रोत का पाठ करें. इस दिन नाग पंचमी की कथा जरूर सुननी चाहिए.

नाग पंचमी के दिन यदि संभव हो तो भगवान शिव को चांदी से बने नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाएं और फिर इसे जल में प्रवाहित कर दें. इस उपाय को नाग पंचमी के दिन करने से कालसर्प दोष समेत सभी दोष दूर हो जाते हैं.
Published at : 31 Jul 2024 05:00 PM (IST)
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