
जब भी बच्चे को कफ सिरप दें तो एक बात जरूर देखें कि सिरप के आगे डी शब्द न लिखा हो. डॉक्टर के मुताबिक इसमें डी का मतलब होता है डेक्स्ट्रोमीथोफैन होता है. यह एक कफ सप्रेसेंट है. 5 साल से छोटे बच्चे को इस तरह की कफ सीरप नहीं दे सकते हैं.

कफ सीरप बच्चे को इस तरीके से खिलाएं ताकि बच्चे के छाती में कफ न अटके वरना इससे खांसी और भी ज्यादा बढ़ सकती है और बच्चे के निमोनिया का खतरा बढ़ जाएगा.

5 साल के छोटे बच्चे को टरबूटेलाइन या लेवोसालबुटामोल कॉम्बिनेशन कफ सिरप दें. यह एक एक ब्रांकोडायलेटर है जो बच्चे की सांस की नली को साफ करता है.

ऐसी दवा पीने से बच्चे को आराम मिलता है और सांस लेने में तकलीफ भी नहीं होती है. ऐसे कफ सिरप में एम्ब्रोक्सोल होता है. जो एक एक म्यूकोलाइटिक लाइट है.

. जो एक एक म्यूकोलाइटिक लाइट है. यह दोनों दवा बच्चे को भीतर जमने वाले कफ तो स्टूल के जरिए बाहर निकाल देती है. बच्चे को खांसी की दवा तब देनी चाहिए. जब उन्हें बुखार न हो. 3-4 दिन दवा देने के बाद भी खांसी ठीक न हो तो डॉक्टर को दिखाएं.
Published at : 30 Jul 2024 07:03 PM (IST)
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