Mars Venus Rahu Ketu strong in kundli They become successful and great players in sports

खेल यानि स्पोर्ट्स (Sports) में जो लोग रूचि रखते हैं या फिर वे लोग जो खेल को ही अपना करियर (णareer) बनाना चाहते हैं. ऐसे लोगों को क्या इस क्षेत्र में सफलता मिलेगी या नहीं इसका पता ज्योतिष (Astrology) से भी लगाया जा सकता है. 

किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए परिश्रम उसकी पहली शर्त है. लेकिन सफलता में भाग्य यानि किस्मत का भी अहम योगदान होता है. ग्रह कहीं न कहीं किस्मत को प्रभावित करते हैं.

कुंडली में ये ग्रह बलशाली हों तो बनते हैं सफल और महान खिलाड़ी

जो लोग इन ग्रहों की चाल को समझ लेते हैं, वे कठिन से कठिन परिस्थितियों से भी नहीं घबराते हैं और समय आने पर उन पर विजय प्राप्त करते हैं.

26 जुलाई 2024 से ओलंपिक गेम्स (Paris Olympics 2024) की शुरूआत हो रही है. इस बार के ओलंपिक (Olympics) गेम पेरिस में हो रहे हैं. ओलंपिक में दुनिया भर के दिग्गज खिलाड़ी भाग लेते हैं. भारत (India) भी ओलंपिक में भाग ले रहा है.

ओलंपिक गेम्स (Olympic Games Paris 2024) में भारत (India) के कुल 117 खिलाड़ी 16 खेलों में इसबार हिस्सा लेने जा रहे हैं. खेलों का यह महाकुंभ 16 दिनों तक पेरिस (Paris) में चलेगा.

ओलंपिक गेम्स (Olympic) का महाकुंभ जब आता है तो खेल प्रेमियों का उत्साह बढ़ जाता है. ज्योतिष (Astrology) में खेलों का संबंध मंगल ग्रह से बताया गया है. 

ज्योतिष ग्रंथों में मंगल ग्रह (Mangal) को साहस, ऊर्जा का कारक माना गया है. इसके साथ ही मंगल को युद्ध का देवता भी कहा जाता है. ज्योतिष में मंगल को विशेष ग्रह माना गया है,

जो मेष (Mesh Rashi) और वृश्चिक राशि का स्वामी है. मंगल मकर राशि में उच्च का तो कर्क राशि में नीच का माना जाता है.

सूर्य, चंद्रमा, बृहस्पति ग्रह (Guru) से मंगल की मित्रता है. बुध (Budh) से इसकी शत्रुता, शनि (Shani Dev) और शुक्र से समभाव रखता है. इसके अतिरिक्त कर्क, सिंह, धनु व मीन राशि (Meen Rashi) में यह मित्र गृही और मिथुन तथा कन्या राशि (Kanya Rashi) में ये शत्रु गृही बन जाता है.

मंगल ग्रह वृषभ और तुला (Tula) लग्न वालों के लिए मारक माना गया है. कुंडली में 5 वां भाव का संबंध खेलों से है. लेकिन लग्न और लग्नेश का शुभ होना भी अत्यंत जरूरी है. इसके साथ ही शुक्र का बलवान होना भी व्यक्ति को बेहतरीन खिलाड़ी बनाता है.

क्योंकि मंगल (Mars) जहां पराक्रम का कारक है, वहीं शुक्र सुखों का कारक है. इसके साथ विदेश यात्रा के लिए राहु केतु की स्थिति तथा कुंडली का 12 वां भाव अवश्य देखना चाहिए.

राहु-केतु (Rahu Ketu) जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का कारक है. यदि कुंडली (Kundli) में इन ग्रहों की स्थिति शुभ व बलशाली है तो व्यक्ति सफल खिलाड़ी बनता है, साथ ही राष्ट्र का नाम भी रोशन करने वाला होता है. 

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