Sensorineural hearing loss SNHL is caused by damage to these special cells

उम्र के साथ-साथ सुनने की क्षमता कम होने लगती है. लेकिन 60 से 70 उम्र वाले लोगों को अक्सर सुनाई कम देने की समस्या होती है. लेकिन कई बार दूसरी बीमारी के कारण भी लोगों को कम सुनाई देने की समस्या होने लगती है. हाल ही में मशहूर सिंगर अल्का याग्निक ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया था. जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें अचानक से सुनाई देना बंद हो गया है.  

अल्का याग्निक ने बताया कि वह सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस (Sensorineural Hearing Loss) बीमारी से जूझ रही है. हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि आखिर इस बीमारी किस कारण से होती है. और कैसे इससे बच सकते हैं. 

कोविड के इफेक्ट की वजह से अलका की हियरिंग पावर हुई प्रभावित

मैनेजर नीरज मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड के शुरुआत दौर में अलका याग्निक भी वायरस का शिकार हुईं थीं और डॉक्टर का कहना है कि उसी के इफेक्ट के तहत उन्हें वायरल अटैक आया था जिससे उनकी हियरिंग पावर प्रभावित हुई है. मैनेजर ने डॉक्टर के हवाले से यह भी बताया कि कोविड से जुड़े इस तरह के मामले और भी लोगों में देखे जा रहे हैं, जहां वो इस तरह के वायरल अटैक का शिकार होते हैं.

सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस के क्या कारण हैं?

उम्र बढ़ने के कारण भी सुनाई देना कम या बिल्कुल बंद हो जाता है. इस बीमारी को प्रेस्बीक्यूसिस कहते हैं. दरअसल, उम्र बढ़ने के कारण दिमाग के प्रोसेस पर दबाव पड़ता है जिसके कारण सुनाई कम देने लगता है. 

सिर पर चोट लगने के कारण भी अचानक से सुनाई कम देने लगता है. इसकी कान के सेल्स अंदर से नष्ट हो जाते हैं. जिसे सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस की समस्या कहते हैं. 

डायबिटीज: डायबिटीज की बीमारी कान के ब्लड सर्कुलेशन को काफी ज्यादा प्रभावित करती है. जिसके कारण सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस की समस्या होती है. 

हाई बीपी: हाई बीपी के कारण कान के ब्लड वेसल्स को काफी ज्यादा नुकसान होका है. जिससे सुनने की क्षमता को काफी ज्यादा नुकसान होता है. 

वायरल इंफेक्शन: कण्ठमाला, खसरा, रूबेला, साइटोमेगालोवायरस (CMV) और हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस के कारण कान में इंफेक्शन हो जाता है. जिससे सेंसोरिनुरल हियरिंग लॉस की समस्या होती है. 

‘सेंसोरिनुरल हियरिंग लॉस’ के कई कारण हो सकते हैं.  जो लोग ज्यादा हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं उन्हें भी यह समस्या जरूरी होती है. अगर आप एक घंटे से ज्यादा हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं तो इन बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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