NDA Government Formation: लोकसभा चुनाव के बाद किसी भी एक दल को बहुमत नहीं मिला और गठबंधन की भूमिका एक बार फिर सुर्खियों के केंद्र में आ गई. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को बहुमत मिला तो सहयोगियों को बांधे रखने को लेकर रस्साकशी का दौर भी शुरू हो गया.
शुक्रवार (7 जून) को इसकी बानगी भी साफ दिखाई दी जब एक तरफ गठबंधन के नेता राष्ट्रपति के पास सरकार बनाने का प्रस्ताव लेकर पहुंचे और उसके तुरंत बाद बीजेपी प्रमुख के साथ गठबंधन के हर दल के नेता संग वन टू वन मुलाकात का दौर शुरू हो गया.
एनडीए के नेताओं ने सरकार बनाने का दावा पेश किया
नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को एनडीए ने संसदीय दल का नेता चुना. इसके बाद एनडीए के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया. इस बीच एनडीए सरकार में किस दल के कितने मंत्री होंगे इसे लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एनडीए नेताओं का वन-टू-वन बैठक हुआ. जब यह बैठक चल रही थी उसी समय नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात किया, जहां उन्हें नई सरकार बनाने का न्योता मिला.
जेपी नड्डा के आवास पर वन टू वन बैठक
इस बार एनडीए की सरकार बनाने में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि वह अपने सहयोगी दलों में मंत्रालय को लेकर कैसे बैलेंस बनाती है. जेपी नड्डा ने अपने आवास पर नीतीश कुमार, एकनाथ शिंदे, अजीत पवार, जयंत चौधरी समेत कई नेताओं के साथ वन टू वन बैठक किया, जहां अमित शाह, राजनाथ सिंह और प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे.
मंत्री मंडल विस्तार पर इन्हें मिल सकती है प्रमुखता
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी की एनडीए सरकार में प्रमुख भूमिका होने वाली है, इस वजह से केंद्रीय मंत्री मंडल में भी इन दोनों पार्टियों को प्रमुखता दी जा सकती है. जयंत चौधरी में इस मीटिंग में शामिल होने के लिए जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे. पश्चिमी यूपी में फिर से वो कैसे खुद की पार्टी को खड़ा करेंगे, इसे देखते हुए जयंत मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं.
महाराष्ट्र बीजेपी के सहयोगी दलों ने ये मांग रखी
सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र में बीजेपी के जितने भी सहयोगी दल हैं उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अपनी मांगी रखी है. सूत्रों की मानें तो शिंदे गुट के शिवसेना ने 2 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री की मांग की है तो वहीं अजीत पवार गुट की एनसीपी ने 1 कैबिनेट मंत्री 1 राज्य मंत्री की मांग की है. सूत्रों की मानें तो रामदास आठवले ने एक राज्य मंत्री की मांग की है.
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