Globant के CEO मार्टिन मिगोया हैं। Buenos Aires Times के मुताबिक मिगोया को कर्मचारियों का ऑफिस में आकर काम करना पसंद है लेकिन यह किसी के सिर पर बंदूक रख कर नहीं होना चाहिए। मिगोया ने बताया कि उनके कर्मचारी खुद से ऑफिस में काम करने आते हैं। उन्होंने कहा कि ऑफिस का महत्व वे भलीभांति समझते हैं। उनके लिए ऑफिस जुड़ाव का एक केंद्र है। एक दूसरे का सहयोग करने की जगह है, न कि सिर्फ काम करने की एक जगह। मार्टिन ने कहा, ‘हमने देखा कि लोग ऑफिस आ रहे हैं, वे साथ इकट्ठा होते हैं, वे ऑफिस को एक अलग तरीके से इस्तेमाल करते हैं, और हम भी अपने ऑफिसेज को नया रूप दे रहे हैं। ताकि बदलते समय के साथ तालमेल बना रहे।’
मिगोया की टीम ने कोरोना महामारी के बाद ऑफिसेज को रीडिजाइन किया है। व्यक्तिगत डेस्क की जगह राउंड टेबल ज्यादा लगाई गई हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बैठ सकें, और लॉन्ज के लिए ज्यादा जगह बनाई जा सके। कंपनी की ग्लोबल सीइओ पैट्रिका पोमीज का भी यही मानना है। हाल ही में X पर एक पोस्ट के जरिए उन्होंने अपनी राय रखी। जिसमें पैट्रिका ने कहा कि रिमोट वर्क कोई गलती नहीं थी। ऑफिस आने के लिए बंधे दिन होना तब तक जरूरी नहीं है जब तक कि लोग घर से काम करते हुए प्रेरणा की कमी महसूस न करें।
पैट्रिका भी स्वायत्ता में विश्वास रखती हैं, और हरेक टीम को यह छूट देने की सिफारिश करती हैं कि वे उसी तरह से काम करें जिसमें वे अपना बेस्ट दे सकें, चाहे फिर वह घर से हो, या ऑफिस से। Globant का यह कदम Alphabet Inc की Google, Microsoft Corp, और Meta से मेल नहीं खाता है। क्योंकि इन कंपनियों ऐसी पॉलिसी लागू की हैं जिससे कि कर्मचारियों को ऑफिस आकर काम करना होगा। भारत में भी इस विषय पर वाद-विवाद चल रहा है। Zerodha के CEO नितिन कामथ ने कुछ समय पहले कहा था कि वर्क फ्रॉम होम का कॉन्सेप्ट उनके कुछ कर्मचारियों के साथ मेल नहीं खा रहा है। निर्णय लेने वाले लोगों के लिए यह मुश्किल हो जाता है क्योंकि वहां कम्युनिकेशन बैरियर आ जाता है।
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