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Ramadan 2024 3rd Jumma: 29 मार्च 2024 को माह-ए-रमजान का तीसरा जुमा पड़ रहा है. इस्लाम धर्म में जुमे के दिन की खास फजीलत होती है. जुमे के दिन विशेष नमाज अदा की जाती है, जिसके लिए मस्जिदों में पुरुषों की काफी भीड़ होती है. हर मुसलमान जुमे की नमाज जरूर अदा करता है.

खासकर पाक महीने रमजान में पड़ने वाले जुमा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. इस्लाम में जुमा यानी शुक्रवार के दिन नबी ए करीम मुहम्मद मुसत्फा सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फज़ीलत बयान करते हुए जिक्र किया है, मोमिन के लिए जुमे का दिन इलाही ने ईद की तरह बनाया है. इस दिन सभी मुसलमान को इज्तिमाई यानी सामूहिक तौर पर एकत्रित होकर जौहर की नमाज के वक्त जुमे की नमाज अदा करनी चाहिए.

क्यों खास है तीसरा जुमा

इस बार रमजान के महीने में कुल 4 जुमा पड़ेंगे, जिसमें 2 जुमा बीत गए हैं और 29 मार्च को रमजानुल मुबारक का तीसरा जुमा है. साथ ही आज रमजान के तीसरे जुमे के दिन रोजेदार रमजान का 18वां रोजा भी रखेंगे. वहीं रमजान का तीसरा जुमा इस बार मगफिरत के अशरे में पड़ा है जोकि रोजेदारों के लिए काफी महत्व रखता है. रमजान के तीसरे जुमा के दिन आप दुरूद शरीफ और तौबा अस्तगफार भी कर सकते हैं.

इस्लाम में जुमा का महत्व

इस्लाम धर्म में सप्ताह का पांचवा दिन यानी शुक्रवार खास अहमियत रखता है. इस्लामिक शब्द में इसे जुमा या जुम्मा कहा जाता है. जुमे के दिन को इस्लाम में छोटी ईद कहा जाता है. जुमे के दिन सभी मुसलमान पुरुष मस्जिद में एकत्रित होकर नमाज अदा करते हैं और गले मिलकर जुमे की बधाई भी देते हैं. सभी नहा धोकर, साफ कपड़े पहनकर, इत्र और सुरमा लगाकर नमाज अदा करने पहुंचते हैं. इस दिन 14 रकात नमाज पढ़ी जाती है.

रमजान का अलविदा जुमा कब

रमजान महीन में पड़ने वाले आखिरी शुक्रवार को अलविदा जुमा कहा जाता है. इसे जुमातुल विदा भी कहते है. इस साल रमजान का चौथा या अलविदा जुमा 05 अप्रैल 2024 को है. अलविदा जुमा के दिन नमाज की खास फजीलत है.  

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