Earliest Building Blocks Of Milky Way Galaxy Named Shakti and Shiva By Scientists

आकाशगंगाएं हजारों लाखों तारों और ग्रहों से मिलकर बनी हुई हैं। लेकिन इनके बनने के समय के पदार्थ 12-13 अरब साल पुराने बताए जाते हैं। यह वही समय कहा जाता है जब ब्रह्मांड की पहली आकाशगंगाएं बनना शुरू हुईं थीं। एक नई स्टडी में इसका जिक्र किया गया है। खगोलविदों ने इन तारों के समूह को ‘शिव’ और ‘शक्ति’ नाम दिया है। कहा है कि यह कुछ ऐसा ही है जैसे कोई छोटी बस्ती बसी हो और बाद में विकास करते-करते वह एक बड़ा शहर बन गई हो। 

Milky Way के बारे में कहा गया है कि यह छोटी गैलेक्सियों के विलय से बनी हुई है। जिसमें कि तारों के समूह के रूप में ज्यादा बड़े बिल्डिंग ब्लॉक इस्तेमाल हुए हैं। जब दो आकाशगंगाएं आपस में मिलती हैं तो उनकी तारों की आबादी अधिकतर वही गुण साथ लेकर चलती है जो उनकी मूल गैलेक्सी में मौजूद थे, जैसे कि स्पीड और दिशा। 

The Astrophysical Journal में यह स्टडी प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी ने स्टैलर डेटाबेस का विश्लेषण किया और पाया कि दो आकाशगंगाएं एनर्जी के दो खास बिंदुओं पर एक दूसरे से टकराईं। यानी कि दोनों में ही ऊर्जा और एंगुलर गति अलग-अलग थी। तो इनके टकराने के बाद इनके तारों के समूह में वही गति और ऊर्जा चलती रही। जिससे कि दो तरह के तारा समूह एक गैलेक्सी के अंदर बने, जिन्हें शिव और शक्ति कहा गया है। 

स्टडी की को-ऑथर ख्याति मल्हान ने इन दो संरचनाओं को शक्ति और शिव नाम दिया। पृथ्वी पर हिंदुओं के लिए इन दोनों नामों का अपार महत्व है जो कि पुरुष और स्त्री के रूप में मौजूद ब्रह्मांडीय ऊर्जा को दर्शाते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि एक जैसे तारे शिव और शक्ति के रूप में बने, जो कि अलग-अलग गैलेक्सी से आए थे। इनमें अन्य तारों की तुलना में ज्यादा एंगुलर मोमेंटम था, बजाय उन तारों के जो कि गैलेक्सी के सेंटर यानी हृदय के पास मौजूद थे। यह एंगुलर मोमेंटम लगातार एक जैसा बना हुआ था। और यह उन्हीं तारों में मौजूद रहा जो कि अलग-अलग आकाशगंगाओं से आकर मिले थे। 

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