ऑल टाइम लो पर फिसला रुपया, क्यों इंडियन करेंसी की हालत पस्त?

Indian Rupees: हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में रुपया गिरावट के साथ बंद हुआ. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यह 34 पैसे की गिरावट के साथ 83.47 के ऑल टाइम लो पर पहुंच गया. पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में अमेरिकी डॉलर में शानदार मजबूती दर्ज की गई है जिसके कारण भारतीय रुपए समेत अन्य एशियन करेंसी पर दबाव है. डॉलर की मजबूत डिमांड देखी जा रही है जिसके कारण इसकी कीमत मजबूत हो रही है.

11 मार्च को रुपए ने 6 महीने का हाई बनाया था

14 दिसंबर 2023 के बाद पहली बार भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 83.30 के नीचे फिसला है. बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी कोषों की बाजार से धननिकासी के कारण भी रुपए की धारणा प्रभावित हुई. इससे पूर्व 13 दिसंबर, 2023 को रुपए ने 83.40 प्रति डॉलर के निम्नतम स्तर को छुआ था. 11 मार्च को रुपए ने डॉलर के मुकाबले 6 महीने का का हाई बनाया था. वहां से यह करीब 1 फीसदी टूट चुका है.

डॉलर इंडेक्स 3 हफ्ते के हाई पर पहुंचा

दरअसल डॉलर इंडेक्स 3 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया है. दो महीने के बाद डॉलर में विकली आधार पर सबसे मजबूत प्रदर्श दिखा है. जॉबलेस क्लेम उम्मीद से कमजोर रहा. हाउसिंग सेल्स एक साल के हाई पर है. ऐसे में अमेरिकी इकोनॉमी में मजबूत के तमाम संकेत मिल रहे हैं जिससे डॉलर मजबूत हो रहा है. इसका असर अन्य करेंसी पर दिखा. यूरो, पाउंड जैसी करेंसी 2-3 हफ्ते के लो पर पहुंच गई है. एशियन करेंसी युआन और येन ये 3-4 महीने के लो पर हैं.

यूरो, पाउंड में गिरावट से चमका डॉलर 

शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर यूरो और पाउंड के कारण अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ. यूरो में गिरावट आने की वजह यह रही कि स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी से लेकर 1.5 फीसदी तक की कटौती कर बाजारों को आश्चर्यचकित कर दिया. इससे जून 2024 में यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) द्वारा ब्याजदर में कटौती की संभावना बढ़ गई है. बैंक ऑफ इंग्लैंड के ब्याज दर को 5.25 फीसदी पर स्थिर रखने के बाद पाउंड में भी गिरावट आई. चौधरी ने कहा कि अमेरिका के मजबूत आर्थिक आंकड़ों ने भी अमेरिकी डॉलर का समर्थन किया. 

 

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