Ukraine ‘robot on wheels’ : रूस और युक्रेन के बीच चल रहा युद्ध के लंबा खिंच जाने की वजह से दोनों देश तरह नई तरह की चुनौतियों को झेल रहे है। युद्ध में दोनों तरफ से लगातार हमले हो रहे है। दोनों देशों को जनशक्ति की कमी का सामना करना पड़ रहा है। युद्ध में दोनों देश रोबोटिक ज़मीनी मशीनों का तेज़ी से इस्तेमाल कर रहे हैं। ये मशीनें रसद पहुँचाती हैं, बारूदी सुरंगें (landmines) हटाती हैं, और सैनिकों के लिए बेहद खतरनाक इलाकों से घायलों या मृतकों को निकालती हैं। युद्ध में रोबोटिक वाहन (robotic vehicle) कोई नई बात नहीं हैं। जर्मन सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध में एक तार-निर्देशित लघु टैंक का इस्तेमाल किया था।
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खतरनाक रूसी ड्रोन्स और हमलों से बचने के लिए अब यूक्रेनी सैनिक रिमोट-नियंत्रित बख्तरबंद वाहनों (remote-controlled armored vehicles) का इस्तेमाल कर रहे हैं जो कई तरह के काम करने में सक्षम हैं। ये वाहन सैनिकों को संभावित जानलेवा हमलों से बचा सकते हैं।
तीन साल से ज्यादा समय से जारी जंग में यूक्रेन सैनिकों की भारी कमी का सामना कर रहा है। ऐसे में अब यूक्रेनी सेना खासतौर पर ऐसे वाहनों को लेकर उत्सुक है जिन्हें सैनिक ‘रोबोट ऑन व्हील्स’ कहते हैं।
इनकी कीमत उनके आकार और क्षमताओं के आधार पर लगभग 1,000 अमेरिकी डॉलर से लेकर 64,000 अमेरिकी डॉलर तक होती है। मोर्चे पर कई ब्रिगेड अब ऐसी मशीनों का इस्तेमाल शुरू कर रही हैं, हालाँकि कुछ ब्रिगेड अभी दूसरों से आगे हैं।
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