सुशीला कार्की ने GEN-Z समूह की बढ़ाई मुश्किलें! पीएम का पद संभालते ही दिया बड़ा आदेश

Investigation ordered into Nepal violence: नेपाल में पिछले दिनों हुए GEN-Z आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाएं देखने को मिली। जिसके चलते पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत कई नेताओं को मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़ना पड़ा। जिसके बाद आंदोलनकारी GEN-Z समूह ने नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री बनाने की मांग की थी। हालांकि, प्रधानमंत्री पद संभालते ही कार्की ने एक ऐसा आदेश दिया है, जो GEN-Z समूह के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकता है।

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दरअसल, नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने साफ तौर पर कहा है कि उनकी सरकार केवल देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है न कि सत्ता में लंबे समय तक बने रहने के लिए है। रविवार को प्रधानमंत्री कार्की ने अपना कार्यभार संभाला लिया है। इसके साथ उन्होंने नेपाल में हाल में हुए हिंसक प्रदर्शन की जांच कराने के आदेश हैं। कार्की ने अपने पहले संबोधन में कहा, “तोड़फोड़ की घटना में शामिल लोगों की जांच होगी। मेरा दल और मैं सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। हम छह महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे और नई संसद के चुने जाने के बाद जिम्मेदारी सौंप देंगे। जनता के सहयोग के बिना हम सफल नहीं होंगे।”

बता दें कि नेपाल में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, सोशल मीडिया बैन और गठबंधन सरकार में कथित आंतरिक मतभेदों को लेकर ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान संसद भवन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवासों से लेकर कई बड़ी इमारतों में तोड़-फोड़ की गयी। वहीं, पूर्व सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों की पिटाई के वीडियो भी सामने आए। इस विरोध प्रदर्शन को GEN-Z आंदोलन नाम दिया गया। जिसका नेतृत्व हामी नेपाल एनजीओ के सुदन गुरुंग ने किया। इस प्रदर्शन में दर्जनों प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है।

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