Vat purnima Vrat 2025: साल में दो बार वट सावित्री व्रत किया जाता है,पहला ज्येष्ठ अमावस्या और दूसरा ज्येष्ठ पूर्णिमा पर, इसलिए ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को वट पूर्णिमा व्रत के नाम से जाना जाता है. ये दिन सुहागिन स्त्रियों के लिए बहुत खास होता है.
वैसे तो पूर्णिमा लक्ष्मी जी को समर्पित है, लेकिन वट पूर्णिमा व्रत महिलाएं अपने पति के मंगल कामना के लिए रखती हैं. इस साल 2025 में वट पूर्णिमा कब है, नोट कर लें डेट, मुहूर्त और महत्व.
वट पूर्णिमा व्रत 2025 डेट
वट पूर्णिमा व्रत बहुत ही कठिन होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. वट पूर्णिमा व्रत 10 जून 2025 को किया जाएगा. हालांकि पूर्णिमा का स्नान दान 11 जून को किया जाएगा. ये व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक करना चाहिए. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने का विधान भी है.
वट पूर्णिमा व्रत उत्तराखंड , महाराष्ट्र , गोवा और गुजरात में मुख्य तौर पर मनाया जाता है. इस दौरान स्त्रियां अक्षय वृक्ष यानी वट वृक्ष की पूजा कर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं.
वट पूर्णिमा 2025 मुहूर्त
ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 10 जून 2025 को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 11 जून 2025 को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर किया जाएगा.
- वट पूजा मुहूर्त सुबह 8.52 – दोपहर 2.05
- स्नान दान मुहूर्त – सुबह 4.02 – सुबह 4.42
- चंद्रोदय समय – शाम 6.45
वट पूर्णिमा व्रत के दिन स्त्रियां क्या करती है ?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज के प्रकोप से जीवित कराया था. सत्यवान का शव वट वृक्ष के नीचे रखा गया और सावित्री ने वट वृक्ष की पूजा की, इसलिए वट पूर्णिमा व्रत के दिन स्त्रियां अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं, 7 जन्मों के पवित्र वैवाहिक बंधन के लिए 7 बार परिक्रमा कर पेड़ पर कच्चा सूत लपेटती हैं. सुहाग की सामग्री का सुहागिनों को दान करती हैं.
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