Erdogan hostile towards India The secret revealed by Türkiye-Pakistan-India Kundli

कश्मीर मुद्दे पर बोलना हो या पाकिस्तान का समर्थन, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन (Erdogan, Recep Tayyip) का भारत के प्रति रवैया शत्रुवत दिखाई देता है. यह केवल जिओ पॉलिटिक्स (Geopolitics) नहीं, बल्कि गहरे वैचारिक और ज्योतिषीय संकेतों का परिणाम भी है. भारत, पाकिस्तान, तुर्की और ‘रेसेप तैयप एर्दोगन’ की व्यक्तिगत कुंडली के आधार पर इस कॉन्फ्लिक्ट का विश्लेषण करते हैं.

एर्दोगन की कुंडली (Erdogan Horoscope)
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार 26 फरवरी 1954 को इस्तांबुल (Istanbul, Turkey) में जन्मे एर्दोगन की कुंडली धनु लग्न की है. राशि इनकी वृश्चिक है और वर्तमान में राहु की दशा चल रही है. 

बृहत पराशर होरा शास्त्र, जातक पारिजात, फलदीपिका, और अन्य ग्रंथों से जब इस कुंडली को देखते हैं तो इनकी नीति, प्रवृत्ति और भारत–पाकिस्तान के साथ कैसे संबंध रहेंगे? इसे लेकर हैरान करने वाले संकेत मिलते हैं.

1. बृहत पराशर होरा के अनुसार ‘लग्ने राहुस्थिते चेद् द्वेषी, नीतिविरुद्धकः, धर्माधर्मविवेकाभावो नृपत्वे च क्षोभदः’ यानि लग्न में जब राहु हो तो ऐसा व्यक्ति वैचारिक उग्रता और अधूरी नैतिकता को अपनाने वाला होता है. 

लग्न का राहु व्यक्ति को द्वेषपूर्ण, नैतिक विरोधाभासी और धर्म-अधर्म में विवेकहीन बनाने वाला माना गया है. अगर वह शासक हो, तो उसकी नीतियां समाज में उथल-पुथल ला सकती हैं. ऐसा व्यक्ति धार्मिक नैतिकता का मुखौटा पहनकर राजनीतिक या वैचारिक शत्रुता का मार्ग अपनाता है. इसका कूटनीतिक दृष्टिकोण केवल स्वार्थपूर्ण और प्रचार आधारित होता है.

2. सप्तम भाव में केतु, छुपी हुई शत्रुता और गठबंधन तोड़ने वाला बनाता है. जातक पारिजात के अनुसार ‘सप्तमे केतुः स्वजनेषु भ्रंशदः, व्यपदेशपटी च स्यात्.’ यानि सप्तम भाव में केतु व्यक्ति को सहयोगियों से अलग करने वाला बनाता है. वह संबंधों में रहस्य और अपनी रणनीति को छिपाकर कार्य करने वाला बनाता है.

ऐसे में भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्रों के साथ संबंधों में यह व्यक्ति भ्रम, अस्थिरता और विश्वासघात की नीति अपना सकता है, वहीं पाकिस्तान जैसे देशों से संबंध बनाए रखने के पीछे उसका गुप्त धार्मिक और रणनीतिक एजेंडा रहेगा.

3. द्वादश भाव में चंद्र-मंगल की युति, गुप्त युद्ध, कूटनीति और विदेशी हस्तक्षेप के लिए प्रेरित करती है. ज्योतिष ग्रंथ फलदीपिका के अनुसार 
‘चंद्रमांगल्युक्ते व्यये राजद्वेषी, परद्रोहकृत्.’ यानि जब चंद्र और मंगल द्वादश भाव में युति बनाएं तो व्यक्ति परायों के प्रति शत्रुता, गुप्त कूटनीति और विदेशी हस्तक्षेप की प्रवृत्ति रखता है. राजा हो तो दूसरों के मामलों में दखल देता है.

यह स्पष्ट करता है कि यह व्यक्ति भारत जैसे राष्ट्रों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करेगा. वह मीडिया या मंचों पर कश्मीर जैसे विषयों को उभारकर परोक्ष लड़ाई का संचालन करेगा.

4. वर्तमान दशा राहु में राहु की है जो जनवरी 2026 तक रहेगी. बृहत जातक के अनुसार ‘राहु दशायां माया, द्वेषः, गुप्तकर्म, धर्मद्रोहः.’ यानि राहु की महादशा और अंतर्दशा में व्यक्ति मायावी, द्वेषपूर्ण, गुप्त योजनाओं वाला और धर्म विरोधी प्रवृत्ति का होता है.

इस काल में यह व्यक्ति भारत के विरुद्ध छद्म कूटनीति, प्रचार युद्ध, और वैचारिक टकराव बढ़ा सकता है. वह भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को चुनौती देने के प्रयास करेगा.

5. तीसरे भाव में बुध,सूर्य और शुक्र की युति प्रचार, मीडिया, वैश्विक मंचों पर आक्रामक छवि वाला बना रही है. ज्योतिष ग्रंथ जातक तत्त्व के अनुसार ‘तृतीये सूर्ये, बुधे, प्रचारनिपुणः. विरोधे अपवादे च प्रखरः.’ यानि कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य और बुध का योग व्यक्ति को प्रचार, प्रोपेगंडा फैलाने और वैश्विक स्तर पर अपनी विचारधारा स्थापित करने में निपुण बनाता है.

भारत के खिलाफ यह व्यक्ति प्रचार और वैचारिक एजेंडा फैलाएगा. वह खुद को इस्लामी दुनिया का प्रतिनिधि बनाकर भारत जैसे देशों की धर्मनिरपेक्षता पर प्रश्न खड़े करेगा.

कुल मिलाकर एर्दोगन (Erdogan) एक ऐसे नेता के रूप में उभर सकते हैं जो धार्मिक नेतृत्व की आकांक्षा से प्रेरित होंगे और वैश्विक इस्लामी एजेंडा को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे, इसके लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं.

तुर्की (तुर्किए) की कुंडली में छिपे हैं गहरे राज!
29 अक्टूबर 1923 को स्थापित तुर्की गणराज्य की कुंडली राजनीतिक चरित्र गृह-नीति से लेकर विदेश-नीति तक धार्मिक राष्ट्रवाद से प्रभावित है. यह भारत की स्वतंत्रता कुंडली में इससे कूटनीतिक टकराव की स्थिति यहां पहले से मौजूद है.

पाकिस्तान की कुंडली
पाकिस्तान की कुंडली में चंद्रमा-राहु का संबंध है, जो इसे वैचारिक अस्थिरता, धार्मिक कट्टरता और रणनीतिक उलझनों का शिकार बनाती है. एर्दोगन की कुंडली के राहु और गुरु के तत्व जुड़ते हैं, तो दोनों देशों का वैचारिक गठजोड़ स्वाभाविक प्रतीत होता है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के साथ पूरी दुनिया ने इसे महसूस भी किया है.

भारत की कुंडली
भारत की स्वतंत्रता कुंडली (15 अगस्त 1947) वृषभ लग्न की है, जहां चंद्रमा कर्क में स्थित है. जो भारत को एक संवेदनशील और सांस्कृतिक रूप से एक गहरा राष्ट्र बनाते हैं. भारत की कुंडली का राहु तृतीय भाव में जो पराक्रम और पड़ोसी से संघर्ष का कारक है. यहां पर राहु का प्रभाव आत्मरक्षा में आक्रामकता को दर्शाता है. इस स्थिति में भारत को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है.

एर्दोगन की कुंडली में धर्म के नाम पर राजनीति, वैचारिक कठोरता और महान बनने प्रवृत्ति छिपी है. यही कारण है कि इनके कार्यकाल में भारत से संबंध विरोधाभासी और अस्थिर रहेंगे. कभी-कभी शांति का भाव भी दिखा सकते हैं लेकिन भीतर से शत्रुता बनी रहेगी. राहु की दशा में  एर्दोगन 2026 तक भारत के संदर्भ में उग्र और भ्रमपूर्ण निर्णय लेंगे.

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