All-Party Delegations: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए अलग-अलग राजनीतिक दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 40 सांसदों का 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई समेत अन्य देशों की यात्रा करेगा। इसके लिए सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले सांसदों के नाम जारी कर दिये हैं। जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का नाम भी शामिल है।
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संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया- ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगा। वे आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता के देश के मजबूत संदेश को दुनिया के सामने रखेंगे। विभिन्न दलों के संसद सदस्य, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे।”
संसद सदस्य सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे
1) शशि थरूर, कांग्रेस
2) रविशंकर प्रसाद, भाजपा
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3) संजय कुमार झा, जदयू
4) बैजयंत पांडा, भाजपा
5) कनिमोझी करुणानिधि, डीएमके
6) सुप्रिया सुले, एनसीपी
7) श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शिव सेना
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कांग्रेस ने नहीं दिया शशि थरूर का नाम
कांग्रेस से पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों के लिए 4 सांसदों के नाम सरकार को दिये हैं। जिनमें आनंद शर्मा (पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री), गौरव गोगोई (उपनेता, कांग्रेस लोकसभा), डॉ. सैयद नसीर हुसैन (सांसद, राज्यसभा) और राजा बरार (सांसद, लोकसभा) का नाम शामिल है। हालांकि, केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का नाम न शामिल किया जाना बेहद चौंकाने वाला है, क्योंकि थरूर की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समझ और UN कार्यकाल को देखते हुए कांग्रेस के लिए उन्हें न भेजने का फैसला काफी मुश्किल माना जा रहा था।
कांग्रेस के इस फैसले से थरूर को लेकर पार्टी की नाराजगी साफ जाहिर हो रही है। थरूर पार्टी में अनदेखी से नाराज बताए जा रहे हैं और कई मौकों पर मोदी सरकार की नीतियों का खुलकर समर्थन करते रहे हैं। दूसरी तरफ, हाल ही में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया था कि पार्टी मान रही है कि भारत और पाकिस्तान के मुद्दे पर अपने बयानों से शशि थरूर ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी है। जिसके बाद थरूर और कांग्रेस के बीच नाता टूटने की संभावना जतायी जा रही है।
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