Varuthini Ekadashi 2025 date puja significance vaishakh ekadashi relation with Goddess Lakshmi

वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस वर्ष वरुथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल 2025 को रखा जाएगा.

वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस वर्ष वरुथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल 2025 को रखा जाएगा.

वैसे तो सालभर में 24 एकादशी तिथि पड़ती है, लेकिन सभी में वरुथिनी एकादशी को महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि यह ऐसी एकादशी है, जिससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों को प्रसन्न किया जा सकता है.

वैसे तो सालभर में 24 एकादशी तिथि पड़ती है, लेकिन सभी में वरुथिनी एकादशी को महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि यह ऐसी एकादशी है, जिससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों को प्रसन्न किया जा सकता है.

वैशाख की वरुथिनी एकादशी श्रीहरि भगवान विष्णु और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन किए पूजा-व्रत से भक्तों को लक्ष्मी नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

वैशाख की वरुथिनी एकादशी श्रीहरि भगवान विष्णु और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन किए पूजा-व्रत से भक्तों को लक्ष्मी नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. इन्हें धन-वैभव की देवी का दर्जा प्राप्त है. साथ ही देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी भी हैं. जिस कारण भगवान विष्णु के साथ इनका अटूट संबंध हैं.

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. इन्हें धन-वैभव की देवी का दर्जा प्राप्त है. साथ ही देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी भी हैं. जिस कारण भगवान विष्णु के साथ इनका अटूट संबंध हैं.

वरुथिनी एकादशी पर यदि आप भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की एक साथ पूजा-अर्चना करेंगे तो विशेष लाभ की प्राप्त होगी और सारे पाप कर्म मिट जाएंगे.

वरुथिनी एकादशी पर यदि आप भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की एक साथ पूजा-अर्चना करेंगे तो विशेष लाभ की प्राप्त होगी और सारे पाप कर्म मिट जाएंगे.

विशेष लाभ और समस्याओं से मुक्ति के लिए वरुथिनी एकादशी पर विष्णु सहस्त्र नाम का जाप करे और देवी लक्ष्मी को हल्दी का गांठ अर्पित करें.

विशेष लाभ और समस्याओं से मुक्ति के लिए वरुथिनी एकादशी पर विष्णु सहस्त्र नाम का जाप करे और देवी लक्ष्मी को हल्दी का गांठ अर्पित करें.

Published at : 23 Apr 2025 07:00 AM (IST)

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