इंडसइंड बैंक ने कहा है कि उसने ऑडिट के लिए ईएंडवाय को नियुक्त नहीं किया है। बैंक ने इस बारे में स्टॉक एक्सचेंजों को एक स्पष्टीकरण दिया है। इसमें उसने कहा है कि ईएंडवाय की सेवाएं कुछ खास रिकॉर्ड को रिव्यू करने में ऑडिट डिपार्टमेंट की मदद करने के लिए ली गई हैं। दरअसल, करीब एक महीने पहले बैंक ने कहा था कि उसे आंतरिक जांच में अपने फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अनियमितता का पता चला है। बताया जाता है कि इससे बैंक के नेटवर्थ को करीब 1,600 करोड़ रुपये के नुकसान पहुंचने का अनुमान था। इस खबर के आने के बाद बैंक के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी।
इंडसइंड बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी यह जानकारी
IndusInd Bank ने कहा है, “अकाउंट्स के फाइनलाइजेशन की प्रक्रिया में बैंक की इनटर्नल कमेटी बैंक के एमएफआई बिजनेस का रिव्यू कर रही है। वह उन खास मसलों की जांच कर रही है, जो बैंक की जानकारी में लाए गए हैं। इस काम में मदद करने के लिए बैंक ने EY की सेवाएं ली हैं। ईवाय बैंक के कुछ खास रिकॉर्ड की जांच में आंतरिक समिति की मदद कर रही है।” 22 अप्रैल को बैंक को शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। शेयर का भाव 4.79 फीसदी गिरकर 788.55 रुपये पर बंद हुआ।
22 अप्रैल को इस वजह से शेयरों आई बड़ी गिरावट
इकोनॉमिक टाइम्स की इस खबर के बाद बैंक के शेयरों में गिरावट आई कि बैंक के बोर्ड ने EY की सेवाएं दूसरे फॉरेंसिक ऑडिट के लिए ली हैं। इस खबर में यह भी कहा गया कि नई जांच में फोकस बैंक के माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो से हुई इंटरेस्ट इनकम में 600 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पर होगा। ग्रांट थॉर्नटन भारत (GTB) पहले से इंडसइंड बैंक के फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी की जांच कर रही है।
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एक साल में 47 फीसदी टूट चुका है यह स्टॉक
इस महीने की शुरुआत में इंडसइंड बैंक ने अपनी फॉरेक्स डेरिवेटिव अकाउंटिंग की स्वतंत्र जांच के लिए PwC की सेवाएं ली थीं। बताया जाता है कि इससे बैंक को 1,979 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान जताया गया था, जो पहले के 1,600 करोड़ रुपये के लॉस के अनुमान से ज्यादा है। इस साल इंडसइंड बैंक का शेयर करीब 19 फीसदी गिर चुका है। बीते एक साल में इस स्टॉक में करीब 47 फीसदी गिरावट आई है।
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