धर्मशाला में विधानसभा के अपोजिशन लाउंज में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी 4 दिसंबर को ‘जन आक्रोश रैली’ आयोजित कर रही है, जिसके लिए जोरावर स्टेडियम की अनुमति प्रशासन ने पहले ही दे दी थी और बीजेपी ने शुल्क भी जमा करा दिया था. लेकिन अब अचानक प्रशासन रैली की जगह बदलने की कोशिश कर रहा है, जिसे बीजेपी किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेगी.
जयराम ठाकुर ने दावा किया कि रैली को रोकने की कोशिश सरकार की घबराहट को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में माहौल सरकार के खिलाफ है, लोग नाराज हैं. इसी डर से प्रशासन बीजेपी की रैली पर रोक लगाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन इस बार सरकार की कोई साजिश कामयाब नहीं होगी. रैली जोरावर स्टेडियम में ही होगी, चाहे कुछ भी हो.
रैली की सुक्खू सरकार ने नहीं दी अनुमति
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस रैली से सुक्खू सरकार को उखाड़ फेंकने का अभियान शुरू होगा. बीजेपी जनता के बीच जाकर हर गारंटी और हर जनविरोधी निर्णय पर सरकार से जवाब मांगेगी.
नेता प्रतिपक्ष ने हाल ही में पेंशनर्स की रैली न होने देने पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि पेंशनर्स जोरावर स्टेडियम में रैली करना चाहते थे, लेकिन सरकार ने अनुमति नहीं दी. इससे हालात तनावपूर्ण बने और बुजुर्ग पेंशनर्स को परेशान होना पड़ा. जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार न तो उनका हक दे रही है और न ही उनकी बात सुन रही है. जिस उम्र में उन्हें अपने परिवार के साथ होना चाहिए, वे सड़कों पर धक्के खा रहे हैं. यह सरकार लोकतंत्र को मानती ही नहीं.
प्रदेश का हर वर्ग सुक्खू सरकार से है नाराज- जयराम ठाकुर
जयराम ठाकुर ने कहा कि केवल पेंशनर्स ही नहीं, बल्कि प्रदेश का हर वर्ग सुक्खू सरकार से नाराज है. सरकार धरनों और रैलियों पर रोक लगाने का प्रयास कर रही है क्योंकि जनता का आक्रोश बढ़ रहा है. जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था पतन के 3 साल, बदलो-बदलो भ्रष्ट सरकार के नारे के साथ बीजेपी अब जनता के बीच जाएगी. पत्रकार वार्ता में बीजेपी विधायक विपिन परमार, बिक्रम ठाकुर, सुधीर शर्मा, पवन काजल और आशीष शर्मा भी उपस्थित रहे.
हिमाचल की कबड्डी चैंपियन बेटियों को आर्थिक सहायता व नौकरी देने की मांग
जयराम ठाकुर ने महिला कबड्डी वर्ल्ड कप 2025 में भारत की जीत पर खुशी व्यक्त की और कहा कि इस टीम में हिमाचल प्रदेश की पांच बेटियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. टीम की कप्तान भी हिमाचल की थी. उन्होंने सरकार से मांग की कि इन खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता दी जाए और नौकरी भी प्रदान की जाए, ताकि उनके योगदान का सम्मान हो सके.
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