VIDEO-ऑपरेशन ब्लू स्टार का सेना, पुलिस, खुफिया और सिविल सेवाओं का संचयी निर्णय था, सिर्फ इंदिरा गांधी को नहीं ठहरा सकते दोषी: पी चिदंबरम

नई दिल्ली। यूपीए सरकार में गृह और वित्त मंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम (P. Chidambaram)  ने साल 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) का ठीकरा सेना, पुलिस, इंटेलिजेंस और नौकरशाही पर फोड़ा है। पी चिदंबरम (P. Chidambaram)  ने पत्रकार हरिंदर बावेजा की किताब ‘दे विल शूट यू मैडम’ (They Will Shoot You, Madam)  पर एक चर्चा के दौरान कहा कि वो सेना के किसी अधिकारी का अपमान नहीं करते, लेकिन जिस तरह ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) चलाया गया, वो बेहद गलत था। चिदंबरम ने कहा कि सेना को बाहर रखकर भी अमृतसर के स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) को खालिस्तानियों से मुक्त कराया जा सकता था।

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शनिवार को खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव 2025 में बोलते हुए, पूर्व केंद्रीय गृह और वित्त मंत्री ने कहा कि सिख पूजा स्थल से सेना को बाहर रखकर स्वर्ण मंदिर को पुनः प्राप्त करने के लिए ऑपरेशन ब्लैक थंडर सही तरीका था। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम (Former Union Minister P. Chidambaram) ने कहा कि वो इस बात से सहमत हैं कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) की कीमत जान देकर चुकाई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star)  सरकार से ज्यादा सेना, पुलिस, इंटेलिजेंस और ब्यूरोक्रेसी यानी नौकरशाही का फैसला था। यूपीए सरकार में मंत्री रहे पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) ने कहा कि इसके लिए सिर्फ इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। दरअसल, पत्रकार हरिंदर बावेजा ने किताब दे विल शूट यू मैडम (They Will Shoot You, Madam) में लिखा है कि इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। इस पर चिदंबरम से सवाल पूछा गया था और इसका जवाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दिया।

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पंजाब में खालिस्तानी उग्रवाद के दौरान 15 दिसंबर 1983 को जरनैल सिंह भिंडरावाला ने अपने आतंकी साथियों के साथ अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था। भिंडरावाला और उसके आतंकियों ने स्वर्ण मंदिर को गढ़ में बदल दिया था और वहां से गतिविधि चला रहे थे। कई पुलिस अफसरों और आम लोगों की हत्या पंजाब में की जा रही थी। इसके बाद सेना और सीआरपीएफ भेजकर 5 जून 1984 को ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star)  शुरू किया गया था। ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star)  में सेना ने भिंडरावाला, उसके करीबी और सेना में मेजर जनरल रहे शाहबेग सिंह और तमाम आतंकियों को मार गिराया था।

ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) 1 जून से 10 जून 1984 तक चला 10 दिनों का सैन्य अभियान था। 6 जून 1984 को, पंजाब में जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में सिख उग्रवाद को रोकने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के आदेश पर ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) के तहत भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में धावा बोला था।

ऐसी खबर थी कि भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर परिसर में भारी मात्रा में हथियार छिपा रखे थे। भिंडरावाले कट्टरपंथी सिख संगठन दमदमी टकसाल का प्रमुख था। जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान वह अपने सशस्त्र अनुयायियों के साथ मारा गया था। इस ऑपरेशन की भारी आलोचना हुई थी। कुछ महीनों बाद, 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की उनके दो सिख अंगरक्षकों ने उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर हत्या कर दी। बेअंत सिंह और सतवंत सिंह इंदिरा गांधी के अंगरक्षक थे और उन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी थी।  जिसके बाद सिख विरोधी दंगे हुए थे और 3000 के करीब सिखों की हत्या की गई थी।

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