भारतीय शेयर बाजार के लिए आने वाला हफ्ता बेहद अहम रहेगा क्योंकि बाजार की दिशा तीन बड़े कारकों पर निर्भर करेगी- कॉरपोरेट तिमाही नतीजे, महंगाई के आंकड़े, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ फैसले. इन तीनों घटनाओं से निवेशकों की भावना प्रभावित होगी और बाजार की दिशा तय होगी.
पिछले कुछ हफ्तों से भारतीय बाजारों में लगातार तेजी बनी हुई है, लेकिन अब निवेशकों की नजर इस बात पर है कि क्या यह गति बरकरार रहेगी या विदेशी और घरेलू आर्थिक मोर्चों से कोई झटका देखने को मिलेगा.
आईटी और बैंकिंग सेक्टर की कंपनियों पर बाजार की निगाहें
अगले हफ्ते से कई बड़ी कंपनियों के वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजे जारी होने शुरू हो जाएंगे. इनमें आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियां इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टेक महिंद्रा और एलटीआई माइंडट्री शामिल हैं. इन कंपनियों के नतीजों से यह तय होगा कि आईटी सेक्टर पर ग्लोबल मंदी और अमेरिकी टेक कंपनियों की सुस्ती का कितना असर पड़ा है.
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वहीं, बैंकिंग सेक्टर में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक के नतीजे बाजार की धारणा को तय करेंगे. विश्लेषकों का कहना है कि बैंकों के लिए यह तिमाही क्रेडिट ग्रोथ, ब्याज आय (NII) और एसेट क्वालिटी के लिहाज से अहम रहेगी. अगर नतीजे उम्मीद से बेहतर आते हैं, तो बाजार में नई तेजी देखी जा सकती है.
महंगाई के आंकड़े बनाएंगे निवेशकों की धारणा
सरकार की ओर से अगले हफ्ते दो बड़े आर्थिक आंकड़े जारी होंगे- 13 अक्टूबर को खुदरा महंगाई (CPI) और 14 अक्टूबर को थोक महंगाई (WPI). अगस्त में खुदरा महंगाई दर 2.07% और थोक महंगाई दर 0.52% रही थी.
अगर सितंबर के आंकड़े इन स्तरों से ऊपर जाते हैं, तो RBI की ब्याज दर नीति पर दबाव बढ़ सकता है. हालांकि हाल ही में आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने रेपो रेट को 5.5% पर बनाए रखा था. लेकिन अगर महंगाई में अप्रत्याशित उछाल आया तो बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है.
ट्रंप के टैरिफ फैसले से बढ़ेगी वैश्विक चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन से आने वाले सामानों पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे मौजूदा 30% शुल्क बढ़कर 130% हो जाएगा. यह फैसला 1 नवंबर 2025 से लागू होगा.
इस कदम से अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर फिर से तेज हो गया है. यदि चीन भी जवाबी कदम उठाता है, तो यह पूरे एशियाई बाजार पर असर डाल सकता है, जिससे भारतीय शेयर बाजार में भी वोलैटिलिटी बढ़ेगी.
बीते हफ्ते में दिखी मजबूती, अब निवेशक सतर्क
पिछला हफ्ता भारतीय बाजारों के लिए शानदार रहा. सेंसेक्स 1.59% या 1,293 अंक बढ़कर 82,500.82 पर और निफ्टी 1.57% या 391 अंक चढ़कर 25,285.35 पर बंद हुआ. आईटी, फार्मा और बैंकिंग शेयरों में जबरदस्त खरीदारी दिखी. निफ्टी आईटी ने 4.89% की जोरदार बढ़त दर्ज की, जबकि निफ्टी फार्मा 2.12% ऊपर रहा. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी मजबूती जारी रही.
तकनीकी संकेत और निवेश रणनीति
टेक्निकल एनालिस्टों के मुताबिक, निफ्टी चार्ट पर कप एंड हैंडल पैटर्न बना है, जो तेजी का संकेत देता है. चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग के हार्दिक मटालिया का कहना है कि अगर यह पैटर्न वॉल्यूम के साथ ऊपर निकलता है, तो बाजार में और तेजी दिख सकती है. हालांकि वैश्विक मोर्चे पर टैरिफ और तेल कीमतों जैसी खबरें नकारात्मक असर डाल सकती हैं.
निवेशकों को फिलहाल क्वालिटी स्टॉक्स और डिफेंसिव सेक्टरों में निवेश बनाए रखने की सलाह दी गई है. अगला हफ्ता बाजार के लिए संवेदनशील और अवसरों से भरा रहेगा. अगर तिमाही नतीजे बेहतर आए और महंगाई नियंत्रण में रही, तो बाजार नई ऊंचाइयां छू सकता है. लेकिन वैश्विक अनिश्चितता बनी रही, तो निवेशकों को सतर्क होकर कदम बढ़ाना होगा.
खबर से जुड़े FAQs
1. कौन-कौन सी कंपनियों के Q2 नतीजे आएंगे?
इन्फोसिस, एचसीएल, टेक महिंद्रा, एलटीआई माइंडट्री, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक.
2. महंगाई के आंकड़े कब आएंगे?
13 अक्टूबर को खुदरा महंगाई (CPI) और 14 अक्टूबर को थोक महंगाई (WPI) जारी होंगे.
3. ट्रंप का टैरिफ फैसला कब लागू होगा?
1 नवंबर 2025 से चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लागू होगा.
4. कौन से सेक्टर सबसे मजबूत रहे?
आईटी, फार्मा और बैंकिंग सेक्टर ने बीते हफ्ते बेहतर प्रदर्शन किया.
5. निवेशकों की रणनीति क्या होनी चाहिए?
उतार-चढ़ाव के बीच क्वालिटी शेयरों में SIP जारी रखें और शॉर्ट टर्म में सतर्क रहें.
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