Alopi shankari Temple in Prayagraj: सोमवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. संगम नगरी प्रयागराज के देवी मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. 52 शक्तिपीठों मेंं से एक शक्ति पीठ अलोप शंकरी देवी मंदिर सहित तमाम देवी मंदिरों में भक्त देवी मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की आराधना कर रहे हैं.
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की आराधना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि मां के नौ स्वरुपों की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
मंदिर में पालने की होती है पूजा
देवी के इन मंदिरों में अपने विभिन्न रूपों में मां विद्यमान हैं. प्रत्येक मंदिर में मां के किसी न किसी अंग के गिरने की मूर्त निशानी मौजूद है, लेकिन संगम नगरी में मां सती का एक ऐसा शक्तिपीठ मौजूद है जहां न मां की कोई मूर्ति है और न ही किसी अंग का मूर्त रूप है.
अलोप शंकरी देवी के नाम से विख्यात इस मंदिर में लाल चुनरी में लिपटे एक पालने का पूजन और दर्शन होता है. इस अनूठे मंदिर में आने वाले भक्त किसी प्रतिमा की नहीं, वरन झूले या पालने की ही पूजा करते हैं.
नवरात्र पर भव्य मेले का आयोजन
श्रद्धालु कुंड से जल लेकर पालने पर चढ़ाते हैं और चबूतरे की परिक्रमा कर मां सती का आशीर्वाद लेते हैं. यहां पर मां को केवल नारियल और पुष्प ही चढ़ता है. दूर-दूर से श्रद्धालु मां की पूजा-अर्चना के लिए आते हैं.
नवरात्र में यहां पर मेला लगता है. लोग मन्नत पूरी होने पर कड़ाही भी चढ़ाते हैं और हलवा पूड़ी का भोग मां को अर्पित करने के बाद अपने परिवार संग प्रसाद के रूप में खाते हैं.
मंदिर से जुड़ी प्रचलित मान्यताएं
मान्यता है कि अलोपशंकरी मंदिर में पालने की पूजा करने और कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने वाले हर देवी भक्त की मन्नत पूरी होती है. हाथ में धागा बंधे रहने तक देवी मां उसकी रक्षा करती हैं. नवरात्र में इस मंदिर में माता रानी का श्रृंगार तो नहीं होता लेकिन उनके सभी स्वरूपों का पाठ किया जाता है.
नवरात्र में यहां काफी भीड़ होती है. मां का दर्शन पाने के लिए लोगों को घंटों प्रतीक्षा करना पड़ता है. सोमवार और शुक्रवार को मंदिर पर मेला लगता है.
मंदिर में प्रसाद की तमाम दुकानें हैं, जिन पर मां को अर्पित करने के लिए नारियल, चुनरी, पुष्प आदि मिलते हैं. दूसरे किस्म की दुकानें भी हैं, जिन पर सिंदूर, चूड़ी और अन्य श्रृंगार प्रसाधन के साथ बच्चों के खिलौने मिलते हैं. शारदीय नवरात्र को लेकर मंदिर में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं.
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