इस हफ्ते शेयर बाजार में तेजी, भारत-अमेरिका वार्ता और फेड रेट कटौती से मिला सहारा

इस सप्ताह शेयर बाजार में निवेशकों ने राहत की सांस ली. भारतीय इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स लगातार तीन दिन की तेजी के बाद शुक्रवार को हल्की गिरावट के साथ बंद हुए. हालांकि, कुल मिलाकर हफ्ता बढ़त भरा रहा. इसका सबसे बड़ा कारण रहा, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता का दोबारा शुरू होना और अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला. इन घटनाओं ने बाजार को दो महीने के ऊपरी स्तर तक पहुंचा दिया.

आईटी और एफएमसीजी में दबाव

हालांकि आईटी और एफएमसीजी शेयरों में बिकवाली का दबाव देखने को मिला, लेकिन इसके बावजूद निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही बढ़त के साथ बंद हुए. निफ्टी 0.85% ऊपर और सेंसेक्स 0.89% की बढ़त के साथ सप्ताहांत पर बंद हुआ. मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने भी मामूली तेजी दिखाई.

पीएसयू बैंक बने चमकता सितारा

इस हफ्ते पीएसयू बैंकों में जबरदस्त खरीदारी हुई. निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 1% से ज्यादा ऊपर गया. बैंकिंग सेक्टर में मजबूती की वजह से बाजार को अतिरिक्त सहारा मिला.

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अडानी ग्रुप के शेयरों में धमाकेदार उछाल

हफ्ते की सबसे बड़ी हलचल अडानी ग्रुप के शेयरों में देखने को मिली. सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसके बाद अडानी शेयरों में जबरदस्त तेजी आई. अडानी एंटरप्राइजेज करीब 6% चढ़ गया. इसके अलावा अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी पावर और एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस के शेयरों में भी मजबूत तेजी रही. इनमें से कई शेयरों ने 12% तक का उछाल दिखाया.

टेक्निकल एनालिसिस

टेक्निकली देखा जाए तो निफ्टी ने डेली चार्ट पर भले ही एक बियरिश कैंडल बनाई, लेकिन उसके साथ बना लंबा लोअर शैडो यह संकेत दे रहा है कि निचले स्तरों पर मजबूत खरीदारी हो रही है. वहीं, वीकली फ्रेम पर निफ्टी ने बुलिश कैंडल बनाई है और लगातार तीन हफ्तों से ऊपर की ओर ट्रेंड कर रहा है. अगस्त के निचले स्तर से निफ्टी लगभग 4% ऊपर आ चुका है.

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त्योहारों से उम्मीद और जीएसटी बदलाव पर नजर

विशेषज्ञों का कहना है कि अगले हफ्ते निवेशकों का फोकस घरेलू खपत से जुड़े शेयरों पर रहेगा. वजह है – त्योहारों का सीजन और जीएसटी में होने वाले बदलाव. इससे कंपनियों की सेल्स में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है.

अमेरिकी बाजारों में भी तेजी

विदेशी मोर्चे पर भी बाजार को राहत मिली है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है. इसके बाद अमेरिकी शेयर बाजार नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए. डॉव, एसएंडपी 500 और नैस्डैक इंडेक्स में करीब 1% तक की तेजी दर्ज हुई.

फेडरल रिजर्व की ओर से मिले संकेत बताते हैं कि आगे भी रेट कटिंग का सिलसिला जारी रह सकता है. अनुमानों के मुताबिक 2025 में अमेरिका की रियल जीडीपी ग्रोथ 1.6% रह सकती है, बेरोजगारी दर 4.5% और कोर पीसीई महंगाई दर 3.1% रहने का अनुमान है.

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घरेलू संकेतों पर निवेशकों की नजर

भारतीय निवेशक अब आने वाले हफ्ते में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के आंकड़ों पर नजर रखेंगे. यह इंडिकेटर औद्योगिक माहौल और मांग में सुधार के शुरुआती संकेत देगा. विश्लेषकों का मानना है कि यदि मांग में सुधार के संकेत मिलते हैं, तो बाजार में और मजबूती आ सकती है.

इस हफ्ते शेयर बाजार को दो बड़ी खबरों, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता और अमेरिकी फेड की दरों में कटौती, से मजबूती मिली. पीएसयू बैंक और अडानी ग्रुप के शेयरों ने बाजार को सहारा दिया, जबकि आईटी और एफएमसीजी में बिकवाली रही. त्योहारों की मांग और जीएसटी बदलाव अगले हफ्ते बाजार की दिशा तय कर सकते हैं.

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खबर से जुड़े FAQs

इस हफ्ते शेयर बाजार क्यों चढ़ा?

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता और फेड रेट कटौती के कारण.

अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी क्यों आई?

सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को खारिज कर दिया.

इस हफ्ते कौन सा सेक्टर सबसे मजबूत रहा?

पीएसयू बैंकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा तेजी रही.

अगले हफ्ते बाजार पर क्या असर दिखेगा?

त्योहारों की मांग और जीएसटी बदलाव से खपत वाले शेयरों पर असर पड़ेगा.

अमेरिकी बाजारों में तेजी का कारण क्या रहा?

फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती.

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