ट्रकों की केबिन में एसी को अनिवार्य बनाने के नियम का फायदा जिन कंपनियों को मिलेगा उनमें सुब्रोस सबसे आगे है। लेकिन, इस साल इस शेयरों में आई तेजी को देखकर ऐसा लगता है कि आगे इसका प्रदर्शन सामान्य रह सकता है। 2025 में सुब्रोस का शेयर करीब 45 फीसदी भागा है। इस दौरान सेंसेक्स का रिटर्न 4.33 फीसदी और निफ्टी का 5.77 फीसदी रहा है। सरकार के ट्रकों के केबिन के लिए एसी अनिवार्य करने के पहले से ही ट्रकों में सुब्रोस के एसी का इस्तेमाल हो रहा है।
जून तिमाही में रेवेन्यू ग्रोथ 8.5 फीसदी
Subros का रेवेन्यू जून तिमाही में 8.5 फीसदी बढ़ा। पैसेंजर व्हीकल्स मार्केट में सुब्रोस की हिस्सेदारी 42 फीसदी है। कमर्शियल व्हीकल्स सेगमेंट में भी इसकी अच्छी हिस्सेदारी है। नए ओईएम के आर्डर्स में पुरानी पड़ चुकी फ्लीट की रिप्लेसमेंट डिमांड की अच्छी हिस्सेदारी है। यह सुब्रोस के लिए पॉजिटिव है। कंपनी के मैनेजमेंट ने कहा है कि साल दर साल आधार पर ट्रक सेगमेंट से कंपनी का रेवेन्यू 32 फीसदी बढ़कर 165 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है।
अब नजरें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर
सुब्रोस की नजरें अब इलेक्ट्रकि व्हीकल्स मार्केट पर है। इसने मारुति और महिंद्रा एंड महिंद्रा के ईवी मॉडल्स के लिए प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। कंपनी टाटा मोटर्स के साथ ह्यूंडई/किया के साथ बी बातचीत कर रही है। अभी कंपनी की सेल्स में ग्रीन मोबिलिलिटी की हिस्सेदारी 20 फीसदी है। मैनेजमेंट की कोशिश इस हिस्सेदारी को बढ़ाने की है। ईवी का इस्तेमाल बढ़ने पर आईसीई व्हीकल के मुकाबले कंटेंट प्रति व्हीकल (CPV) बढ़ने की उम्मीद है। उदाहरण के लिए अकेले ई-कम्प्रेशर की टेक्नोलॉजी आईसीई के मुकाबले 3 से 4 गुनी तक महंगी हो सकती है।
जीएसटी में कमी से ICE गाड़ियों की बिक्री बढ़ेगी
अभी इंडिया में ईवी की कम वॉल्यूम को देखते हुए सुब्रोस डेंसो कॉर्प से ई-कम्प्रेशर का इंपोर्ट कर सकती है। डेंसो कंपनी के इनवेस्टर्स में से एक है। अगर कम्प्रेशर को हटा दिया जाए तो भी कंपनी को ईवी के लिए सीपीवी में 20-30 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है। यह ध्यान में रखने वाली बात है कि जीएसटी रेट्स घटने से ICE गाड़ियां सस्ती हो गई हैं। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री की रफ्तार कुछ समय के लिए सुस्त पड़ सकती है।
कंपनी के नए प्लांट से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी
बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सुब्रोस खारखोडा में एक नया प्लांट लगा रही है। शुरुआत में इसकी क्षमता 5 लाख यूनिट्स की होगी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10 लाख तक किया जा सकता है। इस प्लांट के अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक तैयार हो जाने की उम्मीद है। कंपनी कुछ हाई वैल्यू, हाई कंपोनेंट्स का आयात डेंसो से भी करती है। सुब्रोस को ग्रोथ बढ़ाने के लिए लोकलाइजेशन पर फोकस बढ़ाना होगा। कंपनी अगले 3-5 साल में इंपोर्ट घटाकर 10 फीसदी से कम लाना चाहती है।
क्या आपको प्रॉफिट बुक करना चाहिए?
दिसंबर 2023 में कमर्शियल व्हीकल्स के लिए एसी को अनिवार्य बनाने के ऐलान के बाद से सुब्रोस के शेयर डबल हो चुके हैं। अभी इसमें FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 28 गुना पर कारोबार हो रहा है। इसका मतलब है कि ग्रोथ की संभावनाओं का असर कंपनी के शेयरों पर पहले ही पड़ चुका है। इनवेस्टर्स सुब्रोस के शेयरों में मुनाफावसूली कर सकते हैं।
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