राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी बिल विधानसभा से मंगलवार (9 सितंबर) को पास हो गया है. इस दौरान नेताओं ने एक दूसरे पर कटाक्ष भी किया. हालांकि बिल को लेकर सदन में जो बहस हुई उसमें विपक्ष ने हिस्सा नहीं लिया, बल्कि विपक्ष किसी दूसरे मुद्दे को लेकर हंगामा करता रहा. वहीं सदन में जब यह बिल पास हो रहा था इस दौरान बीजेपी विधायक ने प्रदेश के दो मुस्लिम विधायकों को ‘मूल धर्म’ लौटने की सलाह दी.
विधानसभा में बिल पास होते ही विधायक गोपाल शर्मा ने दो मुस्लिम विधायकों को मूल धर्म में वापस आने की पेशकश कर दी. हालांकि इस दौरान सदन में हंगामा होता रहा और उसके बाद ध्वनि मत से यह बिल पास हो गया
मुस्लिम विधायकों को धर्म बदलने की सलाह!
सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने विधायक रफीक खान और अमीन कागजी पर तंज कसते हुए कहा, “आप भी अपने मूल धर्म में वापस आ जाइए.” विधायक गोपाल शर्मा ने कहा इन्होंने भी धर्म परिवर्तन कर रखा है इसे मैं निवेदन करता हूं कि अपने मूल धर्म में आईए.
बिल में आजिवन कारावास- लाखों के जुर्माने का प्रावधान
धर्मांतरण विरोधी बिल में आजीवन कारावास और लाखों रुपये जुर्माने के प्रावधान हैं. संगठित रूप से धर्मांतरण करने वाली संस्थानों पर भी कठोर कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं.
विपक्ष ने नहीं लिया बहस में हिस्सा
धर्मांतरण बिल को लेकर खास यह रहा कि सदन में जब यह बिल पास हो रहा था तब विपक्ष की ओर से किसी भी विधायक ने बहस में हिस्सा नहीं लिया और ना ही इसको लेकर सदन में कोई टीका टिप्पणी की.
ये सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बिल- टीकाराम जूली
हालांकि विधानसभा के बाहर मीडिया से मुखातिब होते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कई विधायकों ने इस बिल को गलत ठहराया. उन्होंने इस धर्मांतरण विरोधी बिल को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बिल बताया.
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