Shravana Putrada Ekadashi 2025: क्या संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी दोनों को करना चाहिए ये व्रत! जानिए इसका जवाब

Shravana Putrada Ekadashi: हिंदू धर्म शास्त्रों में पुत्रदा एकादशी व्रत का काफी महत्व होता है. ये व्रत साल में दो बार (पौष और श्रावण मास) के महीने में रखा जाता है. इस साल श्रावण मास में ये व्रत मंगलवार 5 अगस्त 2025 को रखा जाएगा. वही इसके अगले दिन यानी बुधवार 6 अगस्त 2025 को सुबह 7:15 मिनट पर इस व्रत का समापन यानी पारण होगा.

यह व्रत मात्र धार्मिक आस्था का विषय न होकर मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है. पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है. ऐसे में एक सवाल क्या पति-पत्नी दोनों इस व्रत को रख सकते हैं? आइए जानते हैं इसके बारे में. 

पुत्रदा एकादशी की धार्मिक मान्यता क्या कहती है? 
पुत्रदा एकादशी व्रत का जिक्र स्कंद पुराण और पद्म पुराण दोनों में किया गया है. स्कंद पुराण के अनुसार इस व्रत को करने से एक तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति होती है.

भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से ये व्रत किया जाता है. संतान प्राप्ति की कामना सदैव दोनों ओर से की जाती है, इसलिए पति-पत्नी के व्रत रखने से संकल्प की शक्ति दोगुनी हो जाती है.  

पति-पत्नी दोनों को व्रत रखने के लाभ

  • पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से मानसिक और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है. 
  • व्रत करने से घर की ऊर्जा सकारात्मक और शुद्ध हो जाती है. 
  • दांपत्य द्वारा संतान प्राप्ति के लिए की गई प्रार्थना और ज्यादा प्रभावशाली हो जाती है. 
  • वैवाहिक जीवन में एक नया आध्यात्मिक उद्देश्य जुड़ता है. 
  • पति-पत्नी दोनों को एक-दूसरी की इच्छओं और समस्याओं को समझने का अवसर प्राप्त होता है. 

पुत्रदा एकादशी व्रत कैसे रखें?

  • सुबह उठकर स्नानादि करने के बाद व्रत करने का संकल्प लें. 
  • पूरे दिन जल, फल या निर्जल रहकर अपनी क्षमता के अनुसार व्रत रखें. 
  • इस दिन भगवान विष्णु की विशेष तौर पर पूजा अर्चना करनी चाहिए.
  • इसके साथ ही ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए.
  • साथ ही शाम के समय श्रीविष्णु सहस्रनाम और गीता का पाठ करना चाहिए.
  • रात के समय विष्णु भगवान का कीर्तन करें. 
  • अगले दिन पारण के समय व्रत खोलें. 

क्या केवल महिलाएं कर सकती हैं यह व्रत?
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि ये व्रत केवल महिलाओं तक ही सीमित है. पुरुषों के लिए भी पुत्रदा एकादशी का व्रत उतना ही प्रभावशाली है, जितना किसी महिला के लिए है. असल में दंपति अगर साथ में श्रद्धा के साथ व्रत करें तो उन्हें इसका फल शीघ्र ही प्राप्त होता है.

इसके साथ ही शादीशुदा जीवन में प्यार और सौहार्द भी बढ़ता है. 

पुत्रदा एकादशी केवल व्रत की औपचारिकता नहीं है, बल्कि ये संतान प्राप्ति की मानसिक, आत्मिक और कर्मिक यात्रा का भी प्रतीक है. पति-पत्नी मिलकर यदि इस व्रत को करते हैं तो संतान सुख की इच्छा सामूहिक रूप से जुड़ जाती है, जिसका फल शीघ्र प्राप्त होता है. 

प्र. पुत्रदा एकादशी 2025 में कब है?
उ. श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी इस साल मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को है. इसका पारण बुधवार, 6 अगस्त 2025 को सुबह 7:15 बजे किया जाएगा.

प्र. क्या पुत्रदा एकादशी का व्रत पति और पत्नी दोनों रख सकते हैं?
उ. हां, यह व्रत पति-पत्नी दोनों के द्वारा रखा जा सकता है और इससे संकल्प की शक्ति दोगुनी हो जाती है. संतान सुख की कामना में सामूहिक प्रार्थना अधिक प्रभावशाली मानी जाती है.

प्र. पुत्रदा एकादशी का व्रत कितनी बार आता है?
उ. पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है. पौष मास और श्रावण मास में. दोनों का महत्व समान होता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 

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