
संयुक्त राष्ट्र में भारत की उपस्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल।
न्यूयॉर्क: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करते हुए जमकर लताड़ लगाई है। भारत ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की उस ‘खुली स्वीकारोक्ति’ को दुनिया के सामने रखा, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि उनका देश दशकों से आतंकवादियों को प्रशिक्षण और वित्तीय मदद देता रहा है। भारत ने इसे पाकिस्तान के ‘दुष्ट देश’ होने का सबूत बताते हुए कहा कि यह वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
‘दुनिया अब इसे नजरअंदाज नहीं कर सकती’
संयुक्त राष्ट्र में भारत की उपस्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने कहा, ‘पूरी दुनिया ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को एक हालिया टेलीविजन इंटरव्यू में आतंकी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और फंडिंग देने की अपनी नीति को स्वीकार करते सुना है। यह खुली स्वीकारोक्ति किसी को आश्चर्यचकित नहीं करती और यह पाकिस्तान को एक दुष्ट राष्ट्र के रूप में उजागर करती है, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है और क्षेत्र को अस्थिर करता है। दुनिया अब इसे नजरअंदाज नहीं कर सकती।’ राजदूत पटेल ने पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच का दुरुपयोग करने और भारत के खिलाफ ‘प्रचार और निराधार आरोप’ लगाने का भी आरोप लगाया।
‘हम पिछले 3 दशकों से करते आए हैं ये गंदा काम’
पटेल के बयान ‘विक्टिम्स ऑफ टेररिज्म एसोसिएशन नेटवर्क’ (VOTAN) के लॉन्च के दौरान आए, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के पीड़ितों और बचे लोगों को सुरक्षित मंच प्रदान करना और उन्हें शांति निर्माण में शामिल करना है। पहलगाम हमले के बाद स्काई न्यूज के एक पत्रकार ने ख्वाजा आसिफ से पाकिस्तान की आतंकी संगठनों को समर्थन देने की भूमिका पर सवाल किया था। जवाब में आसिफ ने कहा था, ‘हम पिछले 3 दशकों से अमेरिका, पश्चिम और यूके के लिए यह गंदा काम करते रहे हैं।’ पटेल ने पहलगाम हमले के बाद वैश्विक समुदाय के मजबूत और स्पष्ट समर्थन और एकजुटता के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।
‘आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए’
योजना पटेल ने कहा, ‘पहलगाम आतंकी हमले में 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों के बाद सबसे ज्यादा नागरिक मारे गए हैं। दशकों से सीमा पार आतंकवाद का शिकार होने के नाते, भारत आतंकवाद के पीड़ितों, उनके परिवारों और समाज पर इसके लंबे प्रभाव को अच्छी तरह समझता है। हम दोहराते हैं कि सभी रूपों में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए।’ पटेल ने VOTAN की स्थापना को एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो आतंकवाद के पीड़ितों को सुनने और समर्थन देने के लिए एक सुरक्षित और संरचित मंच प्रदान करेगा। बता दें कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका सामने आने के बाद भारत ने पड़ोसी देश के साथ कूटनीतिक संबंधों को कम करने के अलावा कई अन्य कड़े कदम उठाए हैं।
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