Maa Jhanpi Bhagwati Devi temple on chitrakoot hill devotees come here on navratri ann

Maa Jhanpi Bhagwati Devi: मध्यप्रदेश के विन्ध्य क्षेत्र में बसे सिंगरौली जिले की पहचान केवल कोयले और ऊर्जा उत्पादन से नहीं, बल्कि यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक स्थलों से भी है. सिंगरौली मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पिपरा झाँपि गाँव में एक ऐसा दिव्य स्थान है, जहाँ की मान्यताएं और चमत्कार सुनकर कोई भी आस्थावान झुकने को मजबूर हो जाता है.

त्रिकूट पर्वत की चोटी पर मां झांपी भगवती देवी का वास

करीब 1100 फीट ऊँचे त्रिकूट पर्वत की चोटी पर स्थित है मां झांपी पिपरा भगवती देवी का प्राचीन मंदिर. यहाँ तक पहुँचने का रास्ता जितना कठिन है, उतना ही श्रद्धा से भरा हुआ भी. कटीले झाड़ियाँ, ऊँची चट्टानें और घुमावदार पथ पार करके जब कोई श्रद्धालु मंदिर की शिखर तक पहुँचता है, तो उसे न सिर्फ माँ के दर्शन होते हैं, बल्कि आत्मा को भी एक अद्भुत शांति का अनुभव होता है.

माँ देती हैं आपदा से पहले संकेत!

इस मंदिर को लेकर सबसे अनोखी मान्यता यह है कि जब गाँव में कोई आपदा, विपत्ति या संकट आने वाला होता है, तो माता स्वयं ग्रामीणों को आवाज़ देकर सावधान करती हैं. यह आवाज गाँव के लोगों के कानों में स्पष्ट रूप से सुनाई देती है. यहाँ तक कि जब किसी दुर्घटना या बड़ी परेशानी की आशंका होती है, तो ग्रामीण कहते हैं, “माँ ने पहले ही बता दिया था.” यही कारण है कि माता के इस चमत्कारी रूप को देखने देश के कोने-कोने से हजारों भक्त यहाँ पहुँचते हैं.

माँ की प्रतिमा पर तलवार के निशान आज भी मौजूद हैं

स्थानीय निवासी सुधीर पाण्डेय बताते हैं कि वर्षों पहले मंदिर में डकैतों ने हमला किया था. माँ ने गाँववालों को चेतावनी दी थी. जब डकैतों ने प्रतिमा को हटाने का प्रयास किया, तो माँ की प्रतिमा से आवाज आने लगी और वह प्रतिमा टस से मस नहीं हुई. गुस्से में डकैतों ने प्रतिमा पर तलवार से वार किया, जिसके निशान आज भी माँ की प्रतिमा पर देखे जा सकते हैं. यह घटना आज भी गाँव के बुजुर्गों की जुबानी सुनाई जाती है और मंदिर की दिव्यता को और भी पुख्ता करती है.

गाँव में बरसात लाने वाली माता

गाँव के ही एक अन्य निवासी मनीष बताते हैं कि जब गाँव में बरसात नहीं होती, तब ग्रामीण माँ के इस मंदिर में जाकर गाय के गोबर से मंदिर का लेप करते हैं और वर्षा के लिए प्रार्थना करते हैं. अनेकों बार ऐसा हुआ है कि प्रार्थना के कुछ ही समय बाद अच्छी बारिश हुई है. इस अनुभव ने माता के प्रति अडिग आस्था को जन्म दिया है.

नवरात्रि में उमड़ता है श्रद्धालुओं का जनसैलाब

विशेषकर नवरात्रि के पावन दिनों में, इस मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं. सच्चे मन से माँगी गई हर मुराद यहाँ पूरी होती है ऐसा विश्वास है.

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