तुर्की की अदालत ने इस्तांबुल के मेयर को क्यों भेजा जेल, राष्ट्रपति एर्दोगन की कुर्सी क्या खतरे में है

इंस्ताबुल में विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतरे लोग।
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इंस्ताबुल में विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतरे लोग।

इस्तांबुल: तुर्की की एक अदालत ने रविवार को इस्तांबुल के मेयर और राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले एक्रेम इमामोग्लो को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में सुनवाई जारी रहने तक उन्हें जेल में रखने का आदेश दिया। इससे तुर्की में बवाल मच गया है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इससे पहले, तुर्की में अभियोजकों ने इमामोग्लू को भ्रष्टाचार और आतंकवाद संबंधी आरोपों में हिरासत में लेने के बाद उनकी औपचारिक गिरफ्तारी के लिए अनुरोध किया था।

इमामोग्लू को इस सप्ताह की शुरुआत में हिरासत में लिए जाने के बाद तुर्किये में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है और देशभर में व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध जताने के लिए कई शहरों में रैलियां निकालीं। कई लोगों का मानना है यह गिरफ्तारी राजनीतिक रूप से प्रेरित है और यह कार्रवाई इसलिए की गई है ताकि 2028 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में एर्दोआन के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी को मुकाबले से हटाया जा सके।

मेयर इमामोग्लू से 5 घंटे पूछताछ

सरकारी अधिकारियों ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि तुर्किये की अदालतें स्वतंत्र हैं। ‘कुम्हुरियत’ अखबार की खबर के अनुसार, पुलिस ने शनिवार को इमामोग्लू से लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की। यह पूछताछ प्रतिबंधित ‘कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी’ (पीकेके) को सहायता देने के आरोपों की जांच के तहत की गई। इससे एक दिन पहले उनसे भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में चार घंटे तक पूछताछ की गई थी। मेयर ने पूछताछ के दौरान सभी आरोपों को खारिज किया। बाद में, उन्हें अभियोजकों द्वारा पूछताछ के लिए एक अदालत ले जाया गया। उनके साथ हिरासत में लिए गए लगभग 90 अन्य लोगों को भी पूछताछ के लिए ले जाया गया।

इमामोग्लू को राष्ट्रपति पद के लिए मिल रहा समर्थन

पुलिस ने इमामोग्लू को बुधवार को उनके घर पर छापे के बाद हिरासत में लिया था। ‘रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी’ (सीएचपी) ने इस गिरफ्तारी के बावजूद इमामोग्लू को राष्ट्रपति पद के अपने उम्मीदवार के रूप में समर्थन देने के लिए ‘प्राइमरी’ चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्टी ने देश भर में प्रतीकात्मक मतपेटियां भी स्थापित की हैं ताकि जो लोग पार्टी के सदस्य नहीं हैं वे भी मेयर के प्रति अपना समर्थन व्यक्त कर सकें। इन्हें ‘एकजुटता पेटियां’ नाम दिया गया है। (एपी)

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