obesity alert 60 percent adults will be overweight by 2050 study know how to reduce

ओवरवेट यानी ज्यादा वजन या फिर मोटापा इन दिनों तेजी से बढ़ती एक खतरनाक स्वास्थ्य समस्या बन गई है. खराब लाइफस्टाइल और गड़बड़ खानपान की वजह से यह एक गंभीर बीमारी का रूप लेता जा रहा है. द लैंसेट मेडिकल जर्नल में पब्लिश एक रिपोर्ट में मोटापे को लेकर चेतावनी दी गई है.

ओवरवेट यानी ज्यादा वजन या फिर मोटापा इन दिनों तेजी से बढ़ती एक खतरनाक स्वास्थ्य समस्या बन गई है. खराब लाइफस्टाइल और गड़बड़ खानपान की वजह से यह एक गंभीर बीमारी का रूप लेता जा रहा है. द लैंसेट मेडिकल जर्नल में पब्लिश एक रिपोर्ट में मोटापे को लेकर चेतावनी दी गई है.

इंस्टीट्यूट फ़ॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के शोधकर्ताओं ने 204 देशों के आंकड़े का विश्लेषण करने के बाद अलर्ट किया कि अगर मोटापे पर ध्यान नहीं दिया गया तो 2050 तक करीब 60% एडल्ट ओवरवेट की चपेट में रहेंगे, जो कई गंभीर और खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस ट्रेंड को बदलने के तरीके...

इंस्टीट्यूट फ़ॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के शोधकर्ताओं ने 204 देशों के आंकड़े का विश्लेषण करने के बाद अलर्ट किया कि अगर मोटापे पर ध्यान नहीं दिया गया तो 2050 तक करीब 60% एडल्ट ओवरवेट की चपेट में रहेंगे, जो कई गंभीर और खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस ट्रेंड को बदलने के तरीके…

इस रिपोर्ट के अनुसार, 1990 में दुनिया में 92.9 करोड़ लोग ओवरवेट या मोटापे की चपेट में थे, जो 2021 में बढ़कर 260 करोड़ पहुंच गई. अगर इसी तरह यह समस्या बढ़ती रही तो 2050 तक 380 करोड़ एडल्ट यानी दुनिया की करीब 60% आबादी मोटापे या ओवरवेट की समस्या से जूझती दिख सकती है.

इस रिपोर्ट के अनुसार, 1990 में दुनिया में 92.9 करोड़ लोग ओवरवेट या मोटापे की चपेट में थे, जो 2021 में बढ़कर 260 करोड़ पहुंच गई. अगर इसी तरह यह समस्या बढ़ती रही तो 2050 तक 380 करोड़ एडल्ट यानी दुनिया की करीब 60% आबादी मोटापे या ओवरवेट की समस्या से जूझती दिख सकती है.

शोधकर्ताओं ने बताया कि दुनिया के आधे से ज्यादा मोटे लोग सिर्फ 8 देशों चीन, भारत, अमेरिका, ब्राज़ील, रूस, मेक्सिको, इंडोनेशिया और मिस्र में हैं.

शोधकर्ताओं ने बताया कि दुनिया के आधे से ज्यादा मोटे लोग सिर्फ 8 देशों चीन, भारत, अमेरिका, ब्राज़ील, रूस, मेक्सिको, इंडोनेशिया और मिस्र में हैं.

शोधकर्ताओं का कहना है कि लोग घर पर बने खाने की बजाय प्रोसेस्ड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स ज्यादा खा रहे हैं. इन  चीजों में चीनी की मात्रा ज्यादा होती है, इसके अलावा अनहेल्दी फैट और केमिकल्स भी ज्यादा होते हैं, जो कैलोरी को बढ़ाते हैं और पोषण कम करते हैं. इसके अलावा कम होती फिजिकल एक्टिविटीज, जेनेटिक्स, हार्मोनल असंतुलन, तनाव और नींद की कमी से भी मोटापा तेजी से बढ़ रहा है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि लोग घर पर बने खाने की बजाय प्रोसेस्ड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स ज्यादा खा रहे हैं. इन चीजों में चीनी की मात्रा ज्यादा होती है, इसके अलावा अनहेल्दी फैट और केमिकल्स भी ज्यादा होते हैं, जो कैलोरी को बढ़ाते हैं और पोषण कम करते हैं. इसके अलावा कम होती फिजिकल एक्टिविटीज, जेनेटिक्स, हार्मोनल असंतुलन, तनाव और नींद की कमी से भी मोटापा तेजी से बढ़ रहा है.

शोधकर्ताओं ने मोटापा कम करने के लिए सलाह दिया कि सरकारों को शुगर टैक्स लगाने पर ज्यादा जोर देना चाहिए और हेल्दी खाने को सस्ता बनाना चाहिए. पब्लिक प्लेस जैसे पार्क या वॉकिंग वाली जगहों पर सस्ते फिटनेस प्रोग्राम चलाने चाहिए, बच्चों और बड़ों दोनों को पोषण और हेल्दी आदतों को लेकर अवेयर करना चाहिए.

शोधकर्ताओं ने मोटापा कम करने के लिए सलाह दिया कि सरकारों को शुगर टैक्स लगाने पर ज्यादा जोर देना चाहिए और हेल्दी खाने को सस्ता बनाना चाहिए. पब्लिक प्लेस जैसे पार्क या वॉकिंग वाली जगहों पर सस्ते फिटनेस प्रोग्राम चलाने चाहिए, बच्चों और बड़ों दोनों को पोषण और हेल्दी आदतों को लेकर अवेयर करना चाहिए.

Published at : 10 Mar 2025 03:03 PM (IST)

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