भले ही भारतीय शेयर बाजारों में लगातार गिरावट के कारण इक्विटी वैल्यूएशन में गिरावट आई है, लेकिन ग्लोबल फंड मैनेजर भारतीय शेयरों में निवेश करने की जल्दी में नहीं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार अभी भी आर्थिक मंदी, मुनाफे में गिरावट और संभावित अमेरिकी टैरिफ की चुनौतियों से जूझ रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया में सौदेबाजी की तलाश कर रहे ट्रेडर्स अभी भी सस्ते चीनी शेयरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। चाइनीज शेयर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास से प्रेरित बुल रन के बीच में हैं।
यह सेंटिमेंट दर्शाता है कि चीन से भारत की ओर स्टॉक रोटेशन कैसे उलट गया है। इसकी वजह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी प्री-कोविड स्थिति में लौट रही है और खपत में गिरावट है। भारतीय बाजार में गिरावट के बावजूद इस बाजार का मल्टीपल, एशिया के बाकी सभी उभरते बाजारों की तुलना में अधिक बना हुआ है।
क्या टूटने वाला है 2022 का रिकॉर्ड!
विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक भारतीय शेयरों से लगभग 15 अरब डॉलर निकाले हैं। इससे पहले साल 2022 में उन्होंने रिकॉर्ड 17 अरब डॉलर निकाले थे। इस बिकवाली के चलते भारत की मार्केट वैल्यू में 1.3 लाख करोड़ डॉलर की गिरावट आई है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, सिंगापुर में एलियांज ग्लोबल इनवेस्टर्स के पोर्टफोलियो मैनेजर आनंद गुप्ता का कहना है कि वैश्विक निवेशकों को आर्थिक सुधार और कॉरपोरेट आय में वृद्धि के सबूतों की लगातार जरूरत होगी। निवेशक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता खर्च में वृद्धि और कॉर्पोरेट्स से पॉजिटिव कमेंट्री देखना चाहते हैं।
ताजा सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ेगी, जो 4 साल का निचला स्तर है। कुछ एनालिस्ट्स का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में ग्रोथ, पिछले 3 वर्षों में देखे गए लगभग 9 प्रतिशत के एवरेज से काफी नीचे रहेगी।
2025 सांप और सीढ़ी का साल, निवेशकों के साथ खेलता रहेगा; अस्थिर बाजार में “विष्णु” है सोना: लक्ष्मी अय्यर
इस माहौल में कॉरपोरेट मुनाफे पर भी असर पड़ा है। जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड के अनुसार, निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल 60 प्रतिशत से अधिक कंपनियों ने पिछले महीने अपने एडवांस्ड प्रॉफिट एस्टिमेट्स में गिरावट देखी। ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के अनुसार, भारत का अर्निंग्स रिवीजन मोमेंटम इस क्षेत्र में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कमजोर है।
लगातार बिकवाली के बीच भी वैल्यू खोज रहे कुछ निवेशक
कुछ निवेशक लगातार बिकवाली के बीच भी वैल्यू खोज रहे हैं। अनुभवी निवेशक मार्क मोबियस का कहना है कि बाजार में बॉटमिंग के कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिख रहे हैं, लेकिन सौदेबाजी की तलाश करने का यह एक बढ़िया समय है। भारतीय बाजार में रिकवरी आएगी। हम अवसरों की तलाश जारी रखे हुए हैं और जो हमारे पास है, उसे होल्ड किए हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रिसीप्रोकल टैरिफ और उनका यह दावा कि भारत, अमेरिका से अमेरिका की तुलना में अधिक टैरिफ लेता है, जैसे जोखिम विदेशी निवेशकों को किनारे पर रख सकते हैं। अमेरिका में मंदी की बढ़ती संभावना एक और निराशा है, क्योंकि भारतीय शेयरों का अमेरिकी इक्विटी के साथ पॉजिटिव कोरिलेशन है।
शेयर बाजार अगले 1-2 महीने में छू लेगा बॉटम, फिर आएगी 7 से 8% की तेजी: दिग्गज फंड मैनेजर समीर अरोड़ा
Read More at hindi.moneycontrol.com