International Women Day: सीहोर जिले की महिलाएं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकल कर परिवार की आर्थिक स्थिति मजूबत करने के साथ आत्मनिर्भर और स्वावलम्बी बन रही हैं. महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में स्व-सहायता समूह का अहम योगदान है. इछावर विकासखण्ड के बिछौली गांव की संगीता मालवीय महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी हैं. संगीता घर-परिवार के फैसले खुद ले रही हैं. उन्होंने स्व-सहायता समूह से जुड़कर काम की शुरुआत की.
आज संगीता फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की डायरेक्टर हैं. कंपनी का का टर्नओवर 5 करोड़ 83 लाख रुपये है. मां गौरी आजीविका स्व सहायता समूह ने बीते 10 महीनों में 12 लाख की आय आर्जित की है. संगीता मालवीय अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं. उन्होंने बताया, “मैंने 25 रुपये की बचत के साथ ऋण लेकर काम शुरू किया था. मेरी सक्रियता को देखते हुए मुझे ग्राम संगठन में चुना गया. मैने समूह से 6 हजार रुपये का ऋण लेकर औषधीय खेती की शुरुआत की. खेती से परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगी. अब मेरी आमदनी 1 लाख 20 हजार सालाना हो गई है.”
सीहोर की संगीता मालवीय बनीं मिसाल
संगीता अब फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी की डायरेक्टर भी बन गई हैं. उन्होंने स्व सहायता समूह के माध्यम से अलग पहचान बनाई है. संगीता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर सफलता के बारे में बता चुकी हैं. उन्होंने बताया कि फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी में 2000 से अधिक किसान जुड़े हैं. कंपनी बीज, गेहूं सोयाबीन, मक्का खरीदी का काम करती है.
कर्ज लेकर खड़ी की करोडों की कंपनी
उन्होंने बताया कि समूह से दो हजार महिलाएं जुड़ी हैं. करीब 1200 दीदियां लखपति बन चुकी हैं. संगीता का दावा है कि कंपनी का टर्नओवर 5 करोड़ पार कर गया है. उन्होंने ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है. संगीता ने बताया, “अब ड्रोन उड़ाने का कार्य भी कर रही हूं. 7 वर्षों के सफर आर्थिक स्थिती मजबूत हुई है. सैकड़ों महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने का प्रयास भी किया है.”
धर्मेंद्र यादव की रिपोर्ट
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