फाइनेंशिल सेक्टर में महिलाओं का बढ़ता दबदबा , भारतीय महिला फंड मैनेजरों की एयूएम एक साल में दोगुनी हुई – increasing dominance of women in the financial sector aum of indian women fund managers doubled in one year

International Women’s Day: जनवरी के अंत तक महिला फंड मैनेजरों द्वारा प्रबंधित परिसंपत्तियां दोगुनी होकर 13.45 लाख करोड़ रुपये हो गईं। जबकि इनकी संख्या पिछले साल के 42 से बढ़कर 49 हो गई है। ताजे आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं द्वारा मैनेज या को-मैनेज किए जाने वाले असेट्स में बढ़त हो रही है। लेकिन इस पूरी इंडस्ट्री में उनकी हिस्सेदारी अभी भी काफी कम है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि पिछले दो सालों के ठहराव के बाद महिला मैनेजरों की संख्या में बढ़त हुई है।

महिला मैनेजर या को-फंड मैनेजर अब भारतीय म्यूचुअल फंड (MF) इंडस्ट्रि के कुल असेट्स का लगभग 20 फीसदी या 13.45 लाख करोड़ रुपये संभालती हैं। जनवरी 2025 के अंत तक कुल म्यूचुअल फंड असेट पिछले वर्ष की तुलना में 27.52 फीसदी बढ़कर 67.25 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 जनवरी, 2024 तक महिला फंड मैनेजरों द्वारा मैनेज्ड या को-मैनेज्ड कुल ओपन और क्लोज्ड-एंड असेट लगभग 6.66 लाख करोड़ रुपये या कुल म्यूचुअल फंड असेट का 12.63 फीसदी थी। ACE MF के पास उपलब्ध नवीनतम डेटा से पता चलता है कि कुल फंड मैनेजरों की संख्या पिछले साल के 473 से बढ़कर 482 हो गई है। जनवरी 2025 के अंत में भारत में 433 पुरुष फंड मैनेजर थे, जो एक साल पहले की अवधि से दो अधिक है।

इसके साथ ही महिला फंड मैनेजरों का प्रतिशत भी सालाना आधार पर 8.88 प्रतिशत से बढ़कर 10.17 प्रतिशत हो गया है। खास बात यह है कि महिलाओं द्वारा मैनेज किए जाने वाले असेट में ये बढ़त दो बड़े नामों, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड की अंजू छाजेड़ और एसबीआई म्यूचुअल फंड की सोहिनी अंडानी के पिछले साल इंडस्ट्री छोड़ने के बावजूद हुई है।

सभी फंड हाउसों में महिला फंड मैनेजर नहीं हैं। 25 फंड हाउस में 49 महिला मैनेजर हैं। जनवरी के अंत तक छह फंड हाउस में तीन या उससे ज़्यादा महिलाएं MF स्कीम्स की देखरेख कर रही थीं। छह में दो और 13 फंड हाउस में कम से कम एक महिला फंड मैनेजर थी।

Women in the Indian Mutual Fund Industry

लैंगिक विविधता

ACE MF के पास उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि जनवरी के अंत तक 25 फंड हाउसों की कुल 339 योजनाएं महिलाओं द्वारा प्रबंधित या सह-प्रबंधित थीं। इनमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड में सबसे ज़्यादा सात महिलाएं शामिल हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड में 66 योजनाओं के ज़रिए महिला फंड मैनेजर 2.27 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति संभालती हैं।

भारत की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी एसबीआई म्यूचुअल फंड में पांच महिला फंड मैनेजर 14 स्कीमों के जरिए 1.88 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति संभाल रही थीं। निप्पॉन इंडिया एमएफ में दो महिला फंड मैनेजर हैं जो 26 स्कीमों के जरिए 1.53 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति संभाल रही हैं।

ताजे डेटा से पता चलता है कि 49 महिलाओं में से टॉप पांच फंड मैनेजर इस समूह द्वारा प्रबंधित संपत्तियों का लगभग 45.55 फीसदी या 6.13 लाख करोड़ रुपये संभाल रही हैं।

एसबीआई एमएफ की मानसी सजेजा भारत की टॉप महिला फंड मैनेजर हैं । 1.41 लाख करोड़ रुपये के असेट संभाल रही हैं। इसके बाद निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड की किंजल देसाई और एक्सिस म्यूचुअल फंड की कृष्णा एन का नाम आता है,जो क्रमशः 1.37 लाख करोड़ रुपये और 1.35 लाख करोड़ रुपये का प्रबंधन करती हैं। इस बात को ध्यान में रखें भारत के सबसे बड़े ओवर ऑल एसेट मैनेजर मनीष बंथिया, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ में 3.49 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का प्रबंधन या सह-प्रबंधन करते हैं।

Indias top women fund managers

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महिला फंड मैनेजरों की बात करें तो आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ की अश्विनी शिंदे 47 फंडों का प्रबंधन या सह-प्रबंधन कर रही हैं, जबकि मिरे एसेट इंडिया एमएफ की एकता गाला 30 फंडों को संभाल रही हैं। निप्पॉन इंडिया एमएफ की किंजल देसाई 24 योजनाओं को संभालती हैं।

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