दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा ने भारतीय शेयर बाजार को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। मुंबई में आयोजित ‘मनीकंट्रोल ग्लोबल वेल्थ समिट 2025’ कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि Nifty 50 आने वाले 4-5 सालों तक निवेशकों को कोई रिटर्न नहीं देगा और इसकी शुरुआत सितंबर 2024 से ही हो चुकी है। जीक्वांट के फाउंडर ने कहा, “बाजार अगले 5 सालों तक आपकी रुचि बनाए रखेगा।” उन्होंने दावा किया कि भारतीय बाजार में असली बेयर मार्केट आ गया है, खासकर स्मॉल-कैप सेगमेंट में।
शंकर अरोड़ा के साथ इस पैनल डिस्कशन में दिग्गज फंड मैनेजर समीर अरोड़ा भी शामिल थे। अरोड़ा ने जब शर्मा के बारे में कहा कि वे “बेयरिश हैं”, तो उन्होंने जवाब दिया, “मेरे पास बेयर मार्केट के पक्ष में कोई दलील नहीं है। मैं स्मॉलकैप शेयरों पर कई सालों से काफी बुलिश था। यह बहुत बढ़िया रहा। लेकिीन पिछले साल मैंने अपना नजरिया बदल लिया था।”
शेयर बाजार में तेजी का दौर खत्म?
शंकर शर्मा ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में बुल रन का दौर समाप्त हो रहा है। उनका कहना था, “बुल मार्केट अपने पांचवें साल में है और हर चीज की एक समयसीमा होता है। भारतीय बाजार में यह सीमा 5 साल की है। अगर बुल बहुत तेज दौड़ चुका है, जैसे कि हमारे स्मॉल-कैप स्टॉक्स में देखने को मिला, तो इसका मतलब है कि वह थकने लगा है और अब मामूली झटकों में भी गिर सकता है। इसलिए मैं साढ़े चार साल तक काफी बुलिश रहा रहा।”
उन्होंने आगे बताया कि जुलाई 2024 में उन्होंने जितना हो सकता था, बेचने की कोशिश की। लेकिन कुछ निवेशों में वे फंस गए। शर्मा का कहना था, “अब मैं 2030 के बुल मार्केट का इंतजार कर रहा हूं!”
बुल मार्केट की परिभाषा बदल चुकी है?
उन्होंने यह भी कहा कि ‘बुल’ शब्द अब भ्रमित करने वाला हो गया है। उन्होंने दिवंगत निवेशक राकेश झुनझुनवाला को “असली बुल” बताया और कहा कि वे हमेशा बाजार में तेजी को लेकर आशावादी रहते थे।
‘Lake Return Theory’ से समझाया बाजार का हाल
शंकर शर्मा ने भारतीय शेयर बाजार के रिटर्न्स को समझाने के लिए ‘Lake Return Theory’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “हर एसेट क्लास की एक सीमित क्षमता होती है। भारतीय समंदर यानी यहां के बाजार में यह 10-12% सालाना रिटर्न तक सीमित है। कोविड के बाद यह आकंड़ा अचानक बढ़ गया था, जैसे कोई बांध टूट गया हो। अब यह समंदर का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है।”
सिर्फ भारत में असली मंदी?
शंकर शर्मा के मुताबिक, “असली बेयर मार्केट सिर्फ भारत में है।” उन्होंने कहा कि यह बेयर मार्केट स्मॉल-कैप सेगमेंट में और ज्यादा गहरी है। उन्होंने आगे कहा, “लार्जकैप स्टॉक्स 50% नहीं गिरते, वे धीमे हो जाते हैं। यह संघर्ष अलग होने वाला है। लेकिन यह गिरावट धीरे-धीरे जारी रहेगी और इनका वैल्यूएशन वाजिब स्तर पर आएगा।”
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