मनीकंट्रोल के ग्लोबल वेल्थ समिट में आज NSE और सेबी आमने सामने आ गए। NSE के MD & CEO आशीष चौहान और सेबी के फुल टाइम मेंबर अनंत नारायण के बीच एक्सपायरी को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। जहां, अनंत नारायण की राय थी कि एक्सचेंजों को सट्टेबाजी रोकने के लिए एक्सपायरी पर लगाम लगानी चाहिए, वहीं आशीष चौहान ने सभी एक्सचेंजों में डेरिवेटिव्स की कॉमन एक्सपायरी की बात कही। SEBI का मानना है कि रिटेल निवेशक डेरिवेटिव्स में पैसा खो रहे हैं। हर एक्सचेंज को एक इंडेक्स की एक ही एक्सपायरी करने को कहा गया है। इस मुद्दे पर आज SEBI मेंबर की तीखी बहस हुई। अनंत नारायण ने कहा कि बाजार में स्पेकुलेशन को कम करना है। इसके लिए SEBI ने कई कदम उठाए हैं। कैश मार्केट को ज्यादा डेवलप करने की जरूरत है। उसके बाद डेरिवेटिव्स मार्केट को डेवलप करेंगे।
दूसरी तरफ आशीष चौहान ने कहा हमारे यहां डेरिवेटिव्स का साइज छोटा है। हम चाहते हैं सभी एक्सचेंज एक ही दिन एक्सपायरी करें नहीं तो एक्सचेंज अलग-अलग दिन एक्सपायरी कर देंगे। एक्सपायरी का दिन एक न हुआ तो हर एक्सचेंज की एक्सपायरी अलग-अलग होगी। उन्होंने कहा कि तमाम एक्सेंज अपने प्रोडक्ट ला सकते हैं। जिससे डेली एक्सायरी की मांग भी हो सकती है। ऐसे में शनिवार को भी ट्रेडिंग की मांग हो सकती है। इस तरह यह क्रम बढ़ते-बढ़ते रविवार और हफ्ते में नया दिन जोड़ने तक जा सकता है। इस स्थिति में सेबी की एक्सपायरी कम करने की कवायद सफल नहीं होगी। क्योंकि अलग-अलग एक्सचेंज की एक्पायरी अलग-अलग दिन होगी। अगर आप वास्तव में एक्पायरी कम करने की कोशिश कर रहें तो सभी एक्सचेंजों के लिए एक्सपायरी का एक ही दिन होना चाहिए। सभी एक्सचेंजों के लिए एक्सपायरी का एक ही दिन होने से स्पेकुलेशन कम होगा।
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बता दें कि इसके पहले सेबी ने कुछ आंकड़ें जारी करते हुए कहा था कि 90 फीसदी लोग एफ&ओ में अपने पैसे खोते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। काफी बड़े स्तर पर हो रही सट्टेबाजी को रोकने के लिए सेबी ने ये तोड़ निकाला था कि एक एक्सचेंज एक ही इंडेक्स पर अपने एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट निकाले। पहले मल्टिपल इंडेक्स पर मल्टिपल एक्सपायरी होती थी। इसके कारण सट्टेबाजी बहुत बढ़ गई थी। हालांकि एनएसई के आशीष चौहान का कहना है कि सेबी के नए नियम का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। कुछ दिन पहले ही एनएसई ने अपनी एक्सपायरी गुरुवार से बदल कर सोमवार कर दिया था। बीएसई का अपना भी एक एक्सपायरी डे है। अगल-अलग एक्सचेंज अगल-अलग दिनों पर अपनी मंथली एक्सपायरी करना चाहते हैं। इसके चलते स्पेकुलेशन की समस्या जस की तस बनी रहेगी। इसमें कोई ज्यादा फर्क देखने को नहीं मिलेगा। इसको ध्यान में रखते हुए एनएसई के सीईओ का ये सुझाव आया है की एक्सपायरी की डेट सभी एक्सचेंजों के लिए एक ही होनी चाहिए। ऐसा होने पर ही सट्टेबाजी को रोका जा सकेगा।
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