MUDA केस में सीएम सिद्धरामैया की पत्नी को बड़ी राहत, हाई कोर्ट ने रद्द किया ED का समन

CM सिद्धरामैया
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CM सिद्धरामैया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ी राहत देते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) भूमि आवंटन मामले में उनकी पत्नी बीएम पार्वती और शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश को जारी ईडी के समन को रद्द कर दिया। ईडी ने पार्वती को 28 जनवरी को सुबह 11 बजे अपने बेंगलुरु कार्यालय में पेश होने के लिए बुलाया था।

पहले समन पर लगी थी अंतरिम रोक

यह उन्हें जारी किया गया दूसरा ऐसा नोटिस था, पहला 3 जनवरी को जारी किया गया था, जिसमें उन्हें 9 जनवरी को पेश होने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, उन्होंने अपनी उम्र और संबंधित दस्तावेज जुटाने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता का हवाला देते हुए समय बढ़ाने की मांग की थी। 27 जनवरी को न्यायालय ने समन पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

5 फरवरी को कर्नाटक हाई कोर्ट ने ईडी के समन पर रोक को 20 फरवरी तक बढ़ा दिया, जिससे पार्वती और सुरेश दोनों को राहत मिली थी। यह मामला मुडा द्वारा भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसमें ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के संभावित उल्लंघन की जांच कर रही है। 

कांग्रेस और सीएम ने आरोपों से किया था इनकार

पिछले साल कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कर्नाटक के सीएम के खिलाफ मैसूर में 14 आवासीय स्थलों के आवंटन में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर जांच की अनुमति दी थी। सिद्धारमैया और कांग्रेस पार्टी ने आरोपों से इनकार किया था।  

कर्नाटक लोकायुक्त ने सिद्धरमैया को दिया था क्लीनचिट

कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने फरवरी में एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में अदालत को 11,000 पन्नों की अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी। यह घटनाक्रम कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को लोकायुक्त पुलिस द्वारा दी गई क्लीन चिट के आधिकारिक रूप से सार्वजनिक होने के एक दिन बाद हुआ था। सिद्धरमैया, उनकी पत्नी, साले बी एम मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू और अन्य को मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस प्रतिष्ठान द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई प्राथमिकी में नामजद किया गया था।

 

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