आयरलैंड में आतंकवाद पर बरसे जयशंकर, कहा-“इससे प्रतिबद्धता के साथ निपटा जाएगा”

आयरलैंड में बोलते विदेश मंत्री एस जयशंकर।
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आयरलैंड में बोलते विदेश मंत्री एस जयशंकर।

लंदन: विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने आयरलैंड में यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन में अपने संबोधन के दौरान आतंकवाद पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इससे प्रतिबद्धता के साथ निपटा जाएगा। जयशंकर ने विदेश नीति के विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे और आतंकवाद के खिलाफ भारत-आयरलैंड के साझा दृष्टिकोण को रेखांकित करने के लिए जून 1985 में एयर इंडिया विमान पर हुए आतंकवादी हमले का संदर्भ दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि पश्चिमी कॉर्क में आयरिश गांव अहाकिस्ता, कनिष्क बम विस्फोट आपदा का गवाह है, जिसमें 329 लोगों की मौत हो गई थी। ये घटना आयरलैंड के तट पर हुई थी।

जयशंकर ने कहा, ‘‘संघर्षों के बारे में एक विशेष बात, क्योंकि यह आज भारत के लिए एक बहुत ही प्रमुख मुद्दा है; हमारा हमेशा से यह मानना ​​रहा है कि इस युग में मतभेदों को युद्ध के मैदान में नहीं सुलझाया जा सकता और न ही सुलझाया जाना चाहिए।’’ वह बृहस्पतिवार को ‘भारत का विश्व के प्रति दृष्टिकोण’ विषय पर अग्रणी आयरिश शोध संस्थान में छात्रों, शिक्षाविदों और प्रवासी समुदाय के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। जयशंकर ने कहा, ‘‘संघर्ष के बारे में बात करते हुए, आतंकवाद का मुकाबला करने पर भी कुछ कहना उचित होगा, खासकर ऐसे देश के विदेश मंत्री के रूप में जो लंबे समय से आतंकवादी प्रयासों का शिकार रहा है।’’

कनिष्क विमान विस्फोट में मारे गए थे 329 भारतीय

उन्होंने कहा, ‘‘आयरलैंड के अहाकिस्ता गांव में एक स्मारक पट्टिका है जो आयरलैंड के तट पर हुए एयर इंडिया के कनिष्क विमान बम विस्फोट के 329 पीड़ितों की याद में स्थापित की गई है। यह हमेशा याद दिलाता है कि यह एक सतत चुनौती है जिससे समग्र रूप से बहुत अधिक संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ निपटने की आवश्यकता है।’’ भारत-यूरोपीय संघ के बीच जारी व्यापार वार्ता के संदर्भ में जयशंकर ने कहा, ‘‘हम बातचीत कर रहे हैं, और हम मुक्त व्यापार समझौते के लिए काफी लंबे समय से, लगभग 23 वर्षों से बातचीत कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हाल में यूरोपीय संघ के अध्यक्ष ने 21 आयुक्तों के साथ भारत का दौरा किया था, और अब हम शायद थोड़ा और आशान्वित हैं कि यह अभ्यास समाप्त हो जाएगा, आदर्श रूप से इस वर्ष के अंत तक। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि संघर्ष आज एक प्रमुख मुद्दा है और भारत का मानना ​​है कि मतभेदों को बातचीत एवं कूटनीति के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। (भाषा)

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