Barsana Laddu holi in Radha rani mandir significance history interesting facts

Barsana Laddu Holi 2025: ब्रज की होली की अपनी ही अलग छटा है. ब्रज की पारंपरिक होली उत्सव का सभी बड़ी बेसब्री इंतजार करते है और होली के रंगोत्सव में रंग जाते है. वैसे तो ब्रज की होली बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाती है और पूरे महीने भर ब्रज में रंगोत्सव की धूम नजर आती है. 

7 मार्च शुक्रवार को श्री लाडली जी मंदिर (राधा रानी मंदिर) में लड्डू की होली होगी. बरसाना के मंदिर में होली के अवसर पर लड्डू बरसेंगे. लाडली जी मंदिर राधा रानी की रसोई में 1000 किलोग्राम शगुन के लड्डू तैयार किए गए है. बरसाना के ऊंचे पहाड़ पर लाडली जी मंदिर है जिसमें ऊंचाई करीब 250 मीटर है और राधा रानी मंदिर पर आने वाले श्रद्धालु 200 सीढ़ियां चढ़ कर राधा रानी के दर्शन करते है.

कहते है कि बरसाना की महारानी राधा रानी अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है तो अब होली के अवसर पर बरसाना आने वाले श्रद्धालु पर लड्डू लूटाये जायेंगे. यह बरसाना की होली उत्सव का बहुत ही सुंदर दृश्य होता है. ब्रज की होली पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है और यही कारण है कि बरसाना की पारंपरिक लड्डू होली को देखने और शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है. ब्रज की लठ्ठमार होली से एक दिन पहले लड्डू होली का आयोजन होता है.

लड्डू होली का महत्व

बरसाना से राधा रानी की दासी फाग का निमंत्रण लेकर नंदगांव जाती है और दासी अपने साथ मटकों में गुलाल , भोग प्रसाद , इत्र आदि नन्दमहल लेकर जाती है. इस दौरान नंदगांव में राधा रानी की दासियों का भव्य स्वागत किया जाता है. राधा रानी की दासी मटके में भरकर जो गुलाल लेकर नंदगांव जाती है उस गुलाल को नंदगांव के हर घर में बांटा जाता है.

नंदगांव में फाग निमंत्रण देने के बाद दासी बरसाना वापस आ जाती है. फिर शाम को नंदगांव से पंडा निमंत्रण स्वीकार का संदेश लेकर बरसाना आते है. नंदगांव के पंडा का बरसाना महल में स्वागत सत्कार होगा और पंडा के जाते समय बरसाना महल से बहुत सारे लड्डू दिए जाते है , इतने सारे लड्डू को देखकर पंडा बहुत खुश होते है और खुशी में नाचने लगते है.

बरसाना महल से मिले बहुत सारे लड्डू को पंडा खाते नहीं है बल्कि होली निमंत्रण स्वीकार करने की खुशी में लूटाने लगते है. बस फिर सिलसिला शुरु होगा लड्डू की होली का , जिसमें हजारों किलो लड्डू लूटाए जाते है. यह लड्डू होली करीब दो घंटे तक चलती रहती है जिसमें हजारों किलो लड्डू श्रद्धालुओं पर लूटाए जाते है. इस दौरान होली के गीत गए जाते है. लड्डू होली पर राधा रानी का भोग भी लड्डुओं से लगाया जाता है और उसी प्रसाद को श्रद्धालुओं में बांटा जाता है.

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