Bangladesh Islamist group Hizb ut Tahrir rally sabotage in Dhaka after Jumma Muhammad Yunus govt in danger see videos

Bangladesh News: बांग्लादेश में तख्तापलट के 7 महीने बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं. बांग्लादेश में प्रतिबंधित इस्लामी ग्रुप हिज्ब उत-तहरीर ने जुम्मे (शुक्रवार) की नमाज के बाद ढ़ाका में रैली निकाली. उनकी रैली का नाम मार्च फॉर खिलाफत है. उन्होंने यह रैली बांग्लादेशी प्रशासन के आदेशों के खिलाफ निकाली गई है, जिस वजह से नमाज के बाद मस्जिद के पास पुलिस और हिज्ब उत-तहरीर को लोगों में झड़प हो गई.

प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प

यह रैली राजधानी शहर में बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के उत्तरी द्वार से शुरू हुई, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार जब पुलिस ने मार्च को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया तो झड़प शुरू हो गई. जुलूस शुरू में बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ा, लेकिन जब प्रदर्शनकारी पल्टन से बिजॉयनगर की ओर बढ़े, तो तनाव बढ़ गया, जहां पुलिस ने नाकाबंदी कर दी. हिज्ब उत-तहरीर के सदस्यों इसका विरोध किया, जिसके बाद दोनों पक्षों में झड़पें हुईं.

पुलिस दागे आंसू गैस के गोले

सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और ग्रेनेड दागे, जिससे प्रदर्शनकारी कुछ समय के लिए इधर-उधर हो गए, हालांकि बाद में वे फिर जमा हुए और फिर से मार्च शुरू किया. जैसे-जैसे तनाव बढ़ता गया सुरक्षाबलों ने फिर से आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी भी उग्र हो गए और उन्होंने भी अधिकारियों पर ईंट और पत्थर फेंकने लगे. इस मामले में पुलिस ने हिज्ब उत-तहरीर के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हाल के दिनों में हुए हमलों के विरोध में हिज्ब उत-तहरीर ने यह मार्च निकाला था. जनवरी 2025 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि बांग्लादेश में हिंदू, अहमदिया मुस्लिम और स्वदेशी समुदायों के सदस्यों को भेदभाव विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मानवाधिकारों के हनन का सामना करना पड़ा था. 

बांग्लादेश में नहीं सुधर रहे हालात

यूएन की रिपोर्ट में बताया गया था कि इसी कारण ने अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार गिर गई थी और तब से वहां के हालात वैसे ही बने हुए हैं. इसमें कहा गया कि भले ही अधिकारियों ने हमलों के सिलसिले में कथित तौर पर 100 गिरफ्तारियां की थीं, लेकिन बदला लेने वाली हिंसा और लक्षित हमलों के कई अपराधी अभी भी बेखौफ हैं. गृह मंत्रालय ने कहा था कि मोदी सरकार आतंकी ताकतों से सख्ती से निपटकर भारत को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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