डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी में बदलाव पर बोले BSE CEO, मार्केट के फीडबैक के आधार पर लेंगे फैसला

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के एमडी और सीईओ, सुन्दररामन राममूर्ति ने शुक्रवार को कहा कि डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी के दिन में कोई भी बदलाव करने से पहले एक्सचेंज मार्केट के भागीदारों से फीडबैक लेगा. बीएसई सीईओ का बयान ऐसे समय पर आया है, जब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा फ्यूचर्स और ऑप्शंस के कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी को गुरुवार से शिफ्ट कर सोमवार को कर दिया गया है. राममूर्ति ने कहा कि बीएसई के निर्णय हमेशा व्यापारियों और निवेशकों की इच्छा पर आधारित होते हैं.

उन्होंने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कहा, “हमारा रुख हमेशा से यही रहा है कि हम वही करते हैं जो बाजार प्रतिभागी चाहते हैं. ग्राहक की जो भी आवाज होती है, हम वही लागू करते हैं.” राममूर्ति ने यह भी स्पष्ट किया कि बीएसई एक्सपायरी के दिन पर कोई एकतरफा निर्णय नहीं लेगा. “एक्सपायरी के दिन में कोई भी बदलाव इस बात पर निर्भर करेगा कि बाजार की क्या राय है. एक बार जब हम समझ जाएंगे कि बाजार क्या सलाह दे रहा है, तो हम उसके अनुसार काम करेंगे.”

BSE पर पड़ेगा असर?

ऐसा माना जा रहा है कि NSE की ओर से एक्सपायरी में बदलाव से बीएसई के ऑप्शंस और फ्यूचर्स सेगमेंट के कारोबार पर असर पड़ सकता है. हालांकि, राममूर्ति ने कहा कि बीएसई का प्राथमिक ध्यान सिर्फ कारोबार की वॉल्यूम पर नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित और निवेशक-अनुकूल बाजार बनाने पर है. उन्होंने आगे कहा कि हम आने वाले दो वर्षों में बीएसई को एक वर्ल्ड क्लास एक्सचेंज बनाना चाहते हैं.

सीईओ ने बताया कि एक्सचेंज इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, नॉलेज और ऑटोमेशन में निवेश कर रहा है. राममूर्ति ने एक्सचेंज संचालन को बढ़ाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की बढ़ती भूमिका के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, “एआई एक्सचेंज के लिए काफी उपयोगी साबित होगा. मुझे यकीन है कि आने वाले दिनों में एआई महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.”

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