Ramadan 2025: हाल में हुए भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच में भारत ने शानदार जीत हासिल की. लेकिन मैच के साथ ही एक विवाद भी सामने आया. दरअसल इस समय रमजान का महीना चल रहा है, जिसमें मुसलमान रोजा रखते हैं और सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक खाना पीना वर्जित होता है.
मैच का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें मोहम्मद शमी एनर्जी ड्रिंग पीते नजर आएं. इसके बाद मुस्लिम मौलानाओं ने शमी को नसीहत देना और उन्हें गलत ठहराना शुरू कर दिया. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बयान जारी कर कहा कि, इस्लाम में रोजा फर्ज है. अगर कोई जानबूझकर रोजा नहीं रखता तो वह निहायती गुनाहगार है. मोहम्मद शमी ने रोजा नहीं रखकर गुनाह किया है, वो शरीयत की नजर में गुनाहगार हैं.
लेकिन दूसरी ओर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने शमी का बचाव किया और कहा कि इस्लाम में कुछ विशेष परिस्थितियों में रोजा की छूट दी गई है. लेकिन छूटे हुए रोजा को बाद में पूरा करना होता है.
किसी प्रैक्टिसिंग मुस्लिम के लिए कब-कब रोजा छोड़ने की इजाजत है
रमजान के महीने में जब शमी के रोजा न रखने को विवाद हो रहा है तो इस बीच यह जानते हैं कि आखिर किसी प्रैक्टिसिंग मुस्लिम के लिए कब-कब रोजा छोड़ने की इजाजत है. बता दें कि इस्लाम में कहा गया है कि सफर में रोजा नहीं भी रखा जा सकता है. लेकिन सफर पूरा करने के बाद जब आप अपने देश या फिर गंतव्य पर पहुंच जाएं तो छूटे हुए रोजा को जरूर पूरा करें. शरीयत के मुताबिक 78 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी की यात्रा में रोजा न रखने की छूट है. लेकिन बाद में इस रोजे की कजा कर सकता है.
आत्मा से जुड़ा है रोजे का संबंध
रोजा को लेकर कुरान में कहा गया है कि- ऐ ईमान वालों! तुम पर रोजा फर्ज किया गया है, जिस तरह तुमसे पहले लोगों पर किया गया था, ताकि तुम तकवा हासिल कर सको. इससे यह स्पष्ट होता है कि रोजा सिर्फ शारीरिक अभ्यास न होकर आत्मिक और नैतिक उन्नति का साधन भी है.
ये भी पढ़ें: Ramadan 2025: रमजान में रोजेदार करें ये काम और इससे बचें, मुस्लिम स्कॉलर की सलाह
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Read More at www.abplive.com