सेबी के नए चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडेय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता सेबी के लिए भी जरूरी है और इसलिए मार्केट रेगुलेटर अब अपने एंप्लॉयीज के हितों के टकराव के बारे में बताएगा। उन्होंने मनीकंट्रोल ग्लोबल वेल्थ समिट 2025 में ये बातें कही। सेबी के नए चीफ की जिम्मेदारी संभालने के बाद अपने पहले पब्लिक एड्रेस में उन्होंने यह कहा। माधबी पुरी बुच के रिटायरमेंट के बाद पांडेय सेबी के चीफ बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा, “निवेशकों का भरोसा बना रहे इसके लिए ट्रस्ट और ट्रांसपेरेंसी बनाए रखना बहुत जरूरी है। रेगुलेटरी बॉडीज और मार्केट पार्टिसिपेंट्स के लिए गवर्नेंस और ट्रांसपेरेंसी का उच्चतम स्तर बनाए रखना जरूरी है…भरोसा और पारदर्शिता बनाए रखना सेबी के लिए भी जरूरी है। इसलिए हमें बोर्ड में हितों के टकराव को लेकर ज्यादा पारदर्शी होने की जरूरत है। हम (आगे) हितों के ऐसे टकराव के बारे में पब्लिक को बताएंगे।”
सेबी के नए चीफ ने चार ‘T’ पर सेबी के फोकस पर जोर दिया। चार टी का मतलब-ट्रस्ट, ट्रांसपेरेंसी, टीमवर्ग और टेक्नोलॉजी से है। उन्होंने सेबी के अंदर और मार्केट पार्टिसिपेंट्स के बीच टीम वर्क के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “टीम वर्क सिर्फ सेबी के अंदर जरूरी नहीं है बल्कि यह उसके बाहर भी जरूरी है” उन्होंने भविष्य में पॉलिसी मेकिंग, टेक्नोलॉजी ए़डॉप्शन, इनवेस्टर अवेयरनेस और फाइनेंशियल इनक्लूजन को लेकर सेबी के एप्रोच का भी संकेत दिया।
उन्होंने कहा कि रिफॉर्म्स बहुत धमाकेदार हो ऐसा जरूरी नहीं है। छोटे-छोटे और लगातार रिफॉर्म्स करना भी अहम हो सकता है। उन्होंने कहा कि SEBI छोटे और बड़े दोनों ही तरह के रिफॉर्म्स करेगा। उन्होंने कहा कि मार्केट रेगुलेटर का मकसद जरूरत से ज्यादा रेगुलेशन नहीं बल्कि सही रेगुलेशन होगा। रेगुलेटर इनोवेशन को बढ़ावा देगा। एफिशियंसी को बढ़ाएगा और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से निवेशकों के हितों की रक्षा करेगा।
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