this small country threatened Donald Trump says we will never be a part of America | सिर्फ 56 हजार जनसंख्या वाले देश ने डोनाल्ड ट्रंप को दी धमकी, कहा

डेनमार्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल करने के लिए किए गए नए प्रयासों को खारिज कर दिया है. ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि उनका प्रशासन ग्रीनलैंड के लोगों के अपने भविष्य को निर्धारित करने के अधिकार का “पुरजोर समर्थन” करेगा. उन्होंने कहा, “और यदि आप चाहें, तो हम आपका संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वागत करते हैं.”

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का बयान

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने ट्रंप के बयान को लेकर डेनमार्क की स्थिति को स्पष्ट किया और कहा कि ग्रीनलैंड का भविष्य केवल वहां के लोगों का फैसला होगा. उन्होंने कहा, “ग्रीनलैंड ग्रीनलैंड के लोगों का है. यह एक ऐसा रुख है जिसका हम डेनिश सरकार की ओर से बहुत दृढ़ता से समर्थन करते हैं.”

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने ट्रंप के दावे को खारिज किया

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने भी ट्रंप के दावे को पूरी तरह खारिज किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ग्रीनलैंड के लोग अमेरिका का हिस्सा बनने की इच्छा नहीं रखते हैं. डेनमार्क के रक्षा मंत्री ट्रॉल्स लुंड पॉल्सन ने भी इस बात को दोहराया और कहा, “ग्रीनलैंड कभी भी अमेरिका का हिस्सा नहीं होगा.”

ग्रीनलैंड, जो दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है, 1953 तक डेनमार्क का उपनिवेश था. उसके बाद यह डेनमार्क का अभिन्न हिस्सा बन गया और ग्रीनलैंड के लोगों को डेनिश नागरिकता मिल गई. 1979 में ग्रीनलैंड ने स्वशासन प्राप्त किया, लेकिन डेनमार्क ने अपनी विदेश और रक्षा नीति पर अधिकार बनाए रखा.

ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनाने की बात पहले भी कही

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनाने की बात की है. इससे पहले भी डेनमार्क ने इस विचार को खारिज किया था और कहा था कि ग्रीनलैंड बिक्री के लिए नहीं है.

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री एगेडे ने बुधवार को फिर से कहा कि ग्रीनलैंड के लोग अपना भविष्य खुद तय करेंगे और वे न तो डेनिश बनना चाहते हैं और न ही अमेरिकी. उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा, “हम न तो अमेरिकी बनना चाहते हैं, न ही डेनिश, हम कलालिट (ग्रीनलैंडर्स) हैं. अमेरिकियों और उनके नेताओं को यह समझना चाहिए.”

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