शेयर बाजार ने 1996 के बाद नहीं देखी ऐसी गिरावट, टूटने जा रहा है 28 साल पुराना ये रिकॉर्ड – stock market is on course for worst falls since 1996 sensex nifty to ends with 5 month losing streak

Stock Markets: सेंसेक्स और निफ्टी इस समय काफी खराब दौर से गुजर रहे हैं। फरवरी महीने में अब तक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लगभग 4% तक गिर चुके हैं। इसके साथ ही निफ्टी अब लगातार पांचवें महीने गिरावट के साथ बंद होता हुआ दिखाई दे रहा है। अगर ऐसा होता है तो यह पिछले 28 सालों, यानी 1996 के बाद की सबसे लंबी गिरावट होगी। इस गिरावट ने न केवल भारतीय शेयर बाजार को हिला दिया है, बल्कि निवेशकों की चिंता भी बढ़ा दी है।

सेंसेक्स और निफ्टी में सितंबर 2024 के बाद से ही गिरावट का सिलसिला जारी है। दोनों इंडेक्स ने 26 सितंबर 2024 को अपना ऑलटाइम हाई छुआ था। इसके बाद से अब सेंसेक्स में 12.98 फीसदी और निफ्टी में करीब 13.8 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। इसके साथ ही दोनों इंडेक्सों ने अब अपना 8 महीने का सबसे निचला स्तर छू लिया है। अगर इनमें ऐसी ही गिरावट जारी रही तो निफ्टी इंडेक्स लगातार पांचवें महीने गिरावट के साथ बंद होगा।

शेयर बाजार में आखिरी बार ऐसा 28 साल पहले 1996 में हुआ है। उस वक्त जुलाई से लेकर नवंबर 1996 तक लगातार 5 महीने निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके बाद से 2008 की आर्थिक मंदी आई, कोरोना महामारी आई, लेकिन शेयर बाजार में कभी भी इतनी लंबी गिरावट देखने को नहीं मिली थी। वैसे शेयर बाजार में सबसे लंबी गिरावट का रिकॉर्ड 1994-95 में बना था, जब निफ्टी लगातार 8 महीनों तक गिरावट के साथ बंद हुआ था।

शेयर बाजार की इस गिरावट ने भारत को दुनिया के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले स्टॉक मार्केट की लिस्ट में डाल दिया है। अमेरिकी डॉलर के टर्म में, निफ्टी में इस साल यानी 2025 में अबतक 6 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। इसके साथ ही निफ्टी अब सभी इमर्जिंग मार्केट्स में तीसरा सबसे अधिक गिरावट वाला बाजार बन गया है। इससे अधिक गिरावट सिर्फ थाईलैंड और फिलीपींस के शेयर बाजार में आई है। थाईलैंड के शेयर बाजार में जहां लगभग 10% की गिरावट आई है। वहीं फिलीपींस का PSEi इंडेक्स इसी अवधि के दौरान 6.7% गिरा है।

अगर सबसे प्रदर्शन करने वाले बाजारों की बात करें तो, हांगकांग के हैंग सेंग और साउथ कोरिया का कोस्पी ने इस साल अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स इस साल अब तक 16.4% चढ़ चुका है। जबकि साथउ कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 14% की बढ़त के साथ टॉप पर है।

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और ऊंची ब्याज दरों के चलते भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली हो रही है।

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार अभी भी बाकी एशियाई बाजारों की तुलना में महंगा बना हुआ है। शंघाई कंपोजिट इस समय 12.3 गुना फॉरवर्ड अर्निंग पर ट्रेड कर रहा है। कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 9.3 गुना फॉरवर्ड अर्निंग पर है। जबकि निफ्टी 50 अभी भी 18.7 गुना फॉरवर्ड अर्निंग पर ट्रेड कर रहा है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि वे भारतीय बाजार को लेकर सतर्क हैं और सेंसेक्स और निफ्टी की चाल आगे भी दिशाहीन बनी रह सकती है। उनका मानना है कि बाजार अभी भी ऊंचे वैल्यूएशन पर बना हुआ है और कम भाव पर खरीदारी के ज्यादा मौके नहीं हैं। ब्रोकरेज ने कहा कि स्मॉल और मिडकैप शेयरों पर मंदी का असर आगे भी जारी रहने की उम्मीद है।

हालांकि सिटीग्रुप ने इस बीच भारतीय शेयर बाजार को लेकर पॉजिटिव रिपोर्ट जारी की है। ब्रोकरेज ने भारतीय शेयरों की रेटिंग को भी न्यूट्रल से बढ़ाकर ओवरवेट कर दिया है। ब्रोकरेज ने कहा कि ग्लोबल लेवल पर तमाम अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन बाकी इमर्जिंग मार्केट्स की तुलना में बेहतर रहने की उम्मीद है।

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