घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA ने सोमवार को कहा कि ग्रामीण मांग में सुधार और सरकारी खर्च में तेजी के कारण भारतीय कंपनियों का राजस्व चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में सात से आठ फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. ICRA को उम्मीद है कि वैश्विक राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर अनिश्चितताओं और भारत से वस्तु निर्यात पर दबाव के कारण निजी पूंजीगत व्यय सीमित रहेगा.
इसके बावजूद, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर जैसे कुछ उभरते क्षेत्रों और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) जैसे कुछ सेक्टर्स में निवेश में वृद्धि जारी रहेगी. निजी निवेश को भारत सरकार की विभिन्न उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन कार्यक्रमों से भी समर्थन मिलेगा. रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा कि पिछली तिमाही में भारतीय कंपनियों के परिचालन लाभ मार्जिन (ऑपरेशनल प्रॉफिट मार्जिन) में सुधार दिख रहा है और इसके 18.2-18.4 फीसदी पर बरकरार रहने की संभावना है.
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ICRA की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख किंजल शाह ने कहा, ”ग्रामीण मांग वर्ष 2025 की पहली छमाही में बेहतर रहने की उम्मीद है, जिसे खरीफ की अच्छी फसल और चालू रबी सत्र के लिए अनुकूल अनुमानों से मदद मिलेगी. इसके अलावा, 2025 में सामान्य और अच्छी तरह वितरित मानसून भी महत्वपूर्ण है.” उन्होंने कहा कि शहरी मांग, जो पिछली कुछ तिमाहियों से सुस्त रही है, में सुधार की उम्मीद है.
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