Market Outlook : बाजार को चढ़ा बुखार, एक्सपर्ट्स से जानिए अब फिर कब लौटेगी बहार – market outlook the market is in a fever know from the experts when bulls will return again

Stock market : मार्केट में आजकल क्या चल रहा है,अभी ये समझना थोड़ा मुश्किल हो गया है। दरअसल काफी वक्त से ऐसा लग रहा है बाजार को गिरावट का जो बुखार लगा था उसमें रिकवरी नहीं हो रही। कभी कभी बाजार जोश में आता है लेकिन फिर वो टिक नहीं पाता। उथलपुथल के माहौल में अहम लेवल टूट रहे हैं। अब डर यह है कि क्या कहीं और बड़ी गिरावट आएगी। मिड कैप और स्मॉलकैप में जो मारकाट मची है उसमें क्या स्ट्रैटेजी अपनाएं और क्या भारतीय बाजार अब उस वैल्यूएशन की तरफ पहुंच गए हैं जहां से सेलिंग का प्रेशर थोड़ा कम होगा और मिलियन डॉलर सवाल ये है कि FIIs कब वापसी करेंगे? यहां इन्हीं सवालों के जवाब खोजने की कोशिश कर रहे हैं CNBC-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल,मार्केट एक्सपर्ट, प्रकाश दीवान, ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के CIO मिहिर वोरा और S W कैपिटल के डायरेक्टर पंकज जैन

अनुज सिंघल का कहना है कि एफआईआई की तरफ से होने वाली बिकवाली इस समय बाजार के लिए सबसे बड़ी परेशानी है। एफआईआई भारत से पैसे निकाल कर दूसरे बाजारों में डाल रहे हैं। फ्रांस और चीन जैसे बाजारों में जोरदार खरीदारी हो रही है। वहीं की मार्केट सस्ती है और वहां ग्रोथ की संभावना भी ज्यादा है। हमारी मार्केट महंगी है और हमेशा से महंगी रही भी है। लेकिन पिछले कुछ समय से यहां ग्रोथ भी नहीं दिख रही है। रुपए की कमजोरी की वजह से भी बाजार में काफी वोलैटिलिटी रही है। इसके अलावा ट्रंप का टैंट्रम भी बाजार को नुकसान पहुंचा रहा है। इस समय बाजार में सेंटीमेंट और अर्निंग्स दो चीजें बहुत खराब हैं। अगर ये दो चीजें सुधर जाएं तो सब कुछ सही हो जाएगा। नियर टर्म में सारा का सारा गेम सेंटीमेंट का है।

मिहिर वोरा ने कहा कि बाजार में अर्निंग्स और सेंटीमेंट तो खराब हैं ही साथ ही वैल्यूएशन भी काफी महंगा है। बाजार में सेंटीमेंट तो एफआईआई का खऱाब है, लोकल सेंटीमेंट तो अभी भी ठीक है। एफआईआई की भारत से कोई नाराजगी नहीं है। पहले ऑप्शन में भारत बहुत अच्छा लग रहा है। एफआईआई के लिए भारत अभी भी अच्छा है। लेकिन बदलाव ये हुआ है कि अब भारत से भी बेहतर विकल्प मिल रहे हैं। डीप सीक के ऐलान के बाद चाइनीज टेक्नोलॉजी शेयरों में काफी तेजी आ रही है। जहां तक वैल्यूएशन की बात है तो हालिया करेक्शन के बाद हमारे बाजारों के वैल्यूएशन काफी अच्छे हो रहे हैं। इसके अलावा अर्निंग स्लोडाउन, सरकारी कैपेक्स में कमी और आरबीआई की तरफ से लिक्विडिटी पर नकेल कसने से भी बाजार पर दबाव बना था। लेकिन हमें इस बात का भरोसा है कि वित्त वर्ष 2026-27 में भारत की जीडीपी 6.50-7.00 फीसदी को आसपास रहेगा। ऐसे में हमारे वैल्यूएशन काफी अच्छे हो गए हैं। भारत में 1-2 तिमाही की वजह से स्लोडाउन है। ये मंदी स्थाई नई है। आगे हमें सुधार देखने को मिलेगा।

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प्रकाश दीवान की राय है कि पिछले 1 साल में बाजार में कुछ आईपीओ काफी महंगे भाव पर आए हैं। इनके वैल्यूएशन ऐसे थे जो सस्टेनेबल नहीं थे। अब उसी का नतीजा म भुगत रहे हैं। वैल्यूएशन और अर्निंग्स दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इस सिक्के को कितना ऊपर उछालना है ये सेंटीमेंट डिसाइड करता है। 2024 में प्रोमेटरों ने इतिहास में सबसे ज्यादा बिकवाली है। जब वहीं इतनी बड़ी मात्रा में बिकवाली कर रहे थे तो ये समझना चाहिए था कि ग्रोथ को लेकर दिक्कत है। इसी बीच ट्रंप भी आ धमके। इन सबकी वजह से एफआईआई की बिकवाली बढ़ी। एफआईआई की बिकवाली की वजह से पूरा माहौल ही खराब हो गया।

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