Bihar News: डीएमके सांसद ए राजा ने केंद्र सरकार की तीन भाषा नीति की आलोचना करते हुए विवादित बयान दिया है, जिसपर राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने ए राजा के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि नई एजुकेशन पॉलिसी स्टालिन व उनके लोगों को समझ नहीं आई. तीन भाषाएं हैं, किसी भी भाषा को थोपा नहीं जा रहा है. हम लोग चाहते हैं नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को जनता को समग्र भाषाओं की जानकारी रहे.
अजय आलोक ने आगे कहा कि सारी भाषाओं का सम्मान होता है लेकिन यह(ए राजा) भाषा के आधार पर खुद को अलगाववादी बताने की कोशिश कर रहे हैं. इन लोगों का दिमाग हिल गया है. यह लोग हमेशा देश को बांटने की कोशिश करते हैं कभी नॉर्थ साउथ करके तो कभी भाषा तो कभी रंग के आधार पर. यह घृणित है. यह राजनीति बंद करें.
‘सरकार भाषा और धर्म के नाम पर नहीं चल सकती’
सांसद ए राजा के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने कहा कि देश में सरकार भाषा और धर्म के नाम पर नहीं चल सकती है. भारत सरकार को यह याद रखना चाहिए कि हमारा देश बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान पर चलेगा. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह व बीजेपी के तमाम नेता भाषा और धर्म के नाम पर ही लोगों के बीच में जाते हैं और चाहते हैं कि इसी के नाम पर सरकार चले. लेकिन देश अब इस बात को सहन नहीं कर सकता. इस बात का ध्यान आप लोग रखिए.
क्या बोले थे DMK सांसद ए राजा?
DMK सांसद ए राजा ने तीन भाषा नीति को लेकर केंद्र पर निशाना साधा और विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि ‘हम अलगाववादी नहीं हैं, लेकिन केंद्र सरकार हमें अलगाववादी बनने पर मजबूर कर रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भाषा संबंधी टिप्पणी पर निशाना साधते हुए उन्होंने देश में विभाजन पैदा करने के प्रयास करने का आरोप लगाया.
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