Pak PM controversial statement Says If Pakistan does not overtake India my name is not Shahbaz Sharif

Pak PM Controversial Statement: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार (22 फरवरी,2025 ) को एक सार्वजनिक सभा में भारत को लेकर बड़ा बयान दिया, जिससे सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. शहबाज शरीफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत से आगे नहीं निकला, तो मेरा नाम शहबाज शरीफ नहीं.

उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है. शहबाज शरीफ ने यह बयान डेरा गाजी खान में एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए दिया, जहां उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया.

शहबाज शरीफ का बयान
शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान को आर्थिक संकट से निकालने और इसे एक आत्मनिर्भर देश बनाने का संकल्प लिया. उन्होंने अपने भाषण में कहा, “अगर हम भारत को पीछे नहीं छोड़ते हैं, तो मेरा नाम शहबाज शरीफ नहीं . हम पाकिस्तान को एक महान राष्ट्र बनाएंगे और भारत से आगे निकलेंगे.”शरीफ ने आगे कहा कि उनकी सरकार पाकिस्तान को ऋण से मुक्त कर आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने महंगाई को 40% से घटाकर मात्र 2% कर दिया है. हालांकि, उनके इस बयान को लेकर न सिर्फ भारत में बल्कि पाकिस्तान में भी व्यापक चर्चा और आलोचना हुई.

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
शहबाज शरीफ के इस बयान पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जबरदस्त प्रतिक्रियाएं आईं. कई यूजर्स ने उनके बयान का मजाक उड़ाया और इसे “वास्तविकता से परे” बताया.

कुछ मजेदार प्रतिक्रियाएं:
 एक यूजर ने लिखा, “दवाई नहीं ली आज का, अपना मानसिक संतुलन खो दिया है.”  एक अन्य यूजर ने लिखा, “इस तरह के आत्मविश्वास की जरूरत है जो किसी को जीवन में चाहिए.”
तो दूसरे ने लिखा, “चैंपियंस ट्रॉफी को छोड़ दें, उन्हें क्लाउन ओलंपिक की मेजबानी करनी चाहिए, यह तुरंत हिट हो जाएगा.”

शहबाज शरीफ का दोहरा रुख
बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में शहबाज शरीफ ने भारत के साथ शांति वार्ता की इच्छा जताई थी. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर विवाद सहित सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए हल करना चाहता है. यह बयान उन्होंने मुजफ्फराबाद (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में “कश्मीर एकजुटता दिवस” के मौके पर दिया था. लेकिन अब सवाल उठता है कि यदि पाकिस्तान भारत से दोस्ती चाहता है, तो फिर भारत से आगे निकलने और उसे पीछे छोड़ने की बात क्यों कर रहा है?

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